उत्तराखंड: आज मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने प्रदेश के छात्र-छात्राओं के साथ ई संवाद किया। उन्होंने कहा, यह देखकर बड़ी प्रसन्नता होती है कि हमारे बच्चे अपने कैरियर को लेकर बहुत जागरूक हैं। जिस भी क्षेत्र में भविष्य बनाएं, उद्देश्य देश की सेवा होना चाहिए। पूर्ण मनोयोग से तैयारी करें। प्रदेश में शिक्षा का मात्रात्मक प्रसार काफी हुआ है। अब विशेष तौर पर उच्च शिक्षा के क्षेत्र में क्वालिटी एजुकेशन पर ध्यान देना होगा। आज का युग कड़ी प्रतिस्पर्धा का है। उच्च शिक्षण संस्थानों को वर्तमान और भविष्य की आवश्यकताओं के अनुरूप बदलना होगा। इसी सोच के साथ सीपैट और ड्रोन एप्लीकेशन सेंटर की स्थापना की गई। इसके अलावा नेशनल लाॅ यूनिवर्सिटी भी प्रारम्भ की जाएगी। जल्द ही नेशनल इंस्टीट्यूट आॅफ स्किल डेवलपमेंट भी शुरू किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने बताया उत्तराखण्ड में स्नातकोत्तर और रिसर्च के लिए आवासीय साईंस काॅलेज की स्थापना पर भी विचार किया जा रहा है। राज्य में एक विद्यालय प्रतिभावान बच्चों के लिए खोला जाएगा। इसमें कक्षा 6 से 12 तक संचालित की जाएंगी। इसमें राज्य स्तरीय परीक्षा के बाद प्रवेश दिया जाएगा। आर्थिक रूप से सक्षम परिवारों के बच्चों से शुल्क लिया जाएगा जबकि निर्धन व प्रतिभावान बच्चों के लिए शिक्षा निशुल्क होगी।
इस दौरान मुख्यमंत्री ने पूर्व राष्ट्रपति भारत रत्न डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम की पुण्य तिथि पर उनको याद करते हुए कहा,वे सेना में अधिकारी बनना चाहते थे। देहरादून में साक्षात्कार के लिए आए परंतु उसमें सफल नहीं हुए। निराश हुए, तब ऋषिकेश गए, वहां एक संत से मार्गदर्शन लिया। इसके बाद उन्होंने पूरे मनोयोग से प्रयास किए और एक महान वैज्ञानिक बने। देश के राष्ट्रपति बने। उनका जीवन हम सभी के लिए प्रेरणा का विषय है।