मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने विद्यालयी शिक्षा और खेल विभाग की करी समीक्षा, हर ब्लॉक में बनेगें दो-दो अटल आदर्श विद्यालय,नई खेल नीति के प्रस्ताव को जल्द से जल्द कैबिनेट की बैठक में प्रस्तुत करने के दिए निर्देश

आज सोमवार को मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सचिवालय में विद्यालयी शिक्षा और खेल विभाग की समीक्षा की। इस मौके पर उन्होंने निर्देश दिए कि प्रत्येक ब्लॉक में दो-दो अटल आदर्श विद्यालय स्थापित किए जाएं। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य की नई खेल नीति के बारे में खेल विशेषज्ञों, खिलाड़ियों और आम जन से सुझाव प्राप्त किए जाएं और जल्द से जल्द से कैबिनेट में प्रस्तुत किया जाए। खेल में तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए खेल विज्ञान केंद्र की स्थापना की जाए। खेल विकास निधि बनाई जाए। बच्चे कम उम्र से ही खेलों में प्रतिभाग के लिए प्रोत्साहित हों, इसके लिए मुख्यमंत्री खिलाड़ी उन्नयन छात्रवृत्ति दी जाए।

अटल आदर्श विद्यालयों में हिंदी व अंग्रेजी दोनो माध्यम का विकल्प हो :

मुख्यमंत्री ने कहा कि अटल आदर्श विद्यालयों की स्थापना, उच्च गुणवत्ता की शिक्षा के सभी मानक पूरे करते हुए की जाए। इनसे ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले गरीब बच्चों को गुणवत्तापरक शिक्षा के समान अवसर मिल सकेंगे। इन विद्यालयों में हिंदी व अंग्रेजी दोनों माध्यमों का विकल्प बच्चों को उपलब्ध हो। स्पोकन इंग्लिश पर विशेष ध्यान दिया जाए। विज्ञान की प्रयोगशाला, सभी आवश्यक उपकरणों से सुसज्जित हो।

174 विद्यालय किए गए अटल आदर्श विद्यालय हेतु चिन्हित :

बैठक में बताया गया कि 174 विद्यालयों को अटल आदर्श विद्यालय के रूप में विकसित करने के लिए चिन्हित कर लिया गया है। इनमें से 108 विद्यालयों में वर्चुअल क्लास की सुविधा उपलब्ध है। मुख्यमंत्री ने कहा कि जहां भी अटल आदर्श विद्यालय बनाए जाएं वहां स्थानीय स्थापत्य और सामग्री का प्रयोग किया जाए। बैठक में थानो में प्रस्तावित अटल आदर्श विद्यालय के डिजायन आदि से भी अवगत कराया गया।

ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को प्रेरित करे नई खेल नीति :

मुख्यमंत्री ने राज्य की नई खेल नीति के बारे में खेल विशेषज्ञों, खिलाड़ियों, और आम जन से सुझाव प्राप्त कर जल्द से जल्द से कैबिनेट में प्रस्तुत करने के निर्देश दिए। खेल नीति इस प्रकार की हो जिससे ग्रामीण खेल प्रतिभाओं को आगे बढ़ने के अधिक अवसर मिलें।

खेल अवस्थापना के लिए प्राइवेट सेक्टर को प्रोत्साहित किया जाए :

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्राइवेट सेक्टर को खेल के क्षेत्र में आने के लिए प्रोत्साहित किया जाए। बच्चे टीवी, मोबाईल की दुनिया से बाहर निकलकर खेल के मैदान में आएं। खेलों में तकनीक के उपयोग को बढ़ावा देने के लिए खेल विज्ञान केंद्र की स्थापना की जाए।

खेल नीति में बालिकाओं के लिए हों विशेष प्रावधान :

मुख्यमंत्री ने कहा कि खेल कुम्भ में नए खेल शामिल किए जाएं। बालिकाओं के लिए खेल नीति में विशेष प्रावधान किए जाएं। नेशनल लेवल और इंटरनेशनल लेवल पर प्रतिभाग करने वाले खिलाड़ियों को सुविधाएं दी जाए। खेलों को बढ़ावा देने के लिए खेल विकास निधि का निर्माण किया जाए। दिव्यांग खिलाड़ियों की आर्थिक सहायता के लिए व्यवस्था की जाए।

खिलाड़ियों की समस्याओं के निस्तारण के सिंगल विंडो सिस्टम :

उन्होंने आठ वर्ष से 14 वर्ष के बच्चों के लिए मुख्यमंत्री खिलाड़ी उन्नयन छात्रवृत्ति की व्यवस्था करने के निर्देश दिए। खिलाड़ियों की समस्याओं के समाधान के लिए सिंगल विंडो सिस्टम विकसित किया जाए। व्यावसायिक शिक्षा संस्थानों और राजकीय विभागों में उत्कृष्ट खिलाड़ियों के लिए कोटा इस प्रकार का हो जिससे खिलाड़ियों को प्रोत्साहन मिले।

बैठक में विद्यालयी शिक्षा एवं खेल मंत्री अरविंद पाण्डेय, सचिव आर मीनाक्षी सुन्दरम, बृजेश कुमार संत, निदेशक शिक्षा आरके कुंवर सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित थे।

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