आज मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने प्रदेशभर के पंचायत प्रतिनिधियों और अधिकारियों से नवोदय विद्यालय, ननूरखेड़ा से वर्चुअल क्लास के माध्यम ई-संवाद किया ।जिसमें मुख्यमंत्री ने पंचायत प्रतिनिधियों की महत्वपूर्ण भूमिका का जिक्र करते हुए कहा देश के समग्र विकास के लिए गांवों का विकसित होना जरूरी है। ग्राम स्वराज को साकार करना होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी के आत्मनिर्भर भारत की दिशा में सभी को मिलजुल कर काम करना है।चुनौतियों को अवसर में बदलना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कोविड-19 के दौरान पंचायत प्रतिनिधियों ने एक योद्धा की भांति अपनी भूमिकाओं का निर्वहन किया है।उन्होंने कहा कोरोना से लंबी लड़ाई चल सकती है इसलिए हमें सतर्कता और जागरूकता का विशेष ध्यान देना होगा।भारत में यह संक्रमण को काफी नियंत्रित किया गया है। भारत में इस वायरस से मुत्यु दर बहुत कम है एवं रिकवरी रेट भी अच्छा है।इसके अलावा मुख्यमंत्री ने ई-संवाद के दौरान पंचायतों के लिए चलाई जाने वाली योजनाओं के बारे में भी बात की ,उन्होंने बताया की भारत नेट फेज -2 परियोजना में राज्य के 12 जनपदों के 65 ब्लॉक के अंतर्गत 5991 ग्राम पंचायतों में इंटरनेट पहुंचाया जाएगा। केंद्र सरकार द्वारा इसके लिए लगभग 2 हजार करोड़ रूपए की स्वीकृति दी गई है। इससे प्रदेश की सभी ग्राम पंचायतों में इंटरनेट पहुचने से विकास के एक नए युग आरंभ होगा व ग्रामीण अंचलों की अर्थ व्यवस्था को गति मिलेगी।
मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र ने कहा कि प्रदेश में लोगों को रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना शुरू की गई है। इस योजना के तहत 150 तरह के कार्य किये जा सकते हैं। जिन क्षेत्रों में लोग कार्य करना चाहते हैं, लगभग सभी प्रकार के कार्य इस योजना के अन्तर्गत आच्छादित है। प्रदेश में सीमान्त एवं लघु कृषकों के लिए 03 लाख तक का ऋण ब्याज मुक्त दिया जा रहा है। लोगों को स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए 10 हजार मोटर साइकिल एवं टैक्सी देने की योजना शुरू की गई है, जिसमें पहले दो साल का ब्याज राज्य सरकार वहन करेगी। लोगों को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया जा रहा है, ताकि उनके साथ कुछ और लोग भी रोजगार कर सकें। राज्य में सरकारी सेवा में विभिन्न पदों पर भर्ती प्रक्रिया जारी है। मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार, हिमालयन ग्रीन कन्सेप्ट पर फोकस कर रही है, इसका उद्देश्य हिमालयन उत्पादों को बढ़ावा देना है। हिमालयन उत्पादों की राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्रीय स्तर डिमांड बहुत अधिक है एवं इन उत्पादों की अच्छी कीमत भी मिलती है। इसका लाभ सीधे किसानों को मिलेगा।
मुख्यमंत्री ने कहा राज्य में कोविड से निपटने के लिए उचित व्यवस्था है।आज हमारे पास वेंटिलेटर, आईसीयू, बैड एवं अन्य आवश्यक संसाधन उपलब्ध हैं। प्रदेश में प्रतिदिन 02 हजार से अधिक कोरोना टेस्ट हो रहे हैं, कुछ और ट्रू-नेट मशीन हमें मिलने वाली है, जिससे टेस्टिंग में और तेजी आयेगी। प्रदेश में कुल 22 हजार बैड की क्षमता के कोविड केयर सेंटर बनाये गये हैं, हल्द्वानी में 500 बैड की क्षमता को एक और कोविड केयर सेंटर बनाया जा रहा है।इसके अलावा सीएम रावत ने कोरोना और डेंगू से बचाव के लिए सुरक्षा और सतर्कता बरतने के लिए कहा,उन्होंने कहा सामाजिक दूरी ,मास्क पहनना जरूरी है साथ ही आने वाले तीन महीनों तक डेंगू से बचाव के लिए भी सतर्कता बरतनी होगी।वहीं योजना गिनाने के बाद मुख्यमंत्री को पंचायत प्रतिनिधियों की फीडबैक भी लेनी थी,लेकिन तकनीकी खामी के कारण यह संभव न हो सका,जिस पर मुख्यमंत्री ने कड़ी नाराजगी व्यक्त की।इस मौके पर राजीव गांधी नवोदय विद्यालय स्थित वर्चुअल क्लास स्टूडियो में मुख्यमंत्री के साथ शिक्षा सचिव आर मीनाक्षी सुंदरम, समग्र शिक्षा अभियान के अपर राज्य परियोजना निदेशक डॉ. मुकुल सती भी मौजूद थे।वहीं पंचायतीराज मंत्री अरविन्द पाण्डेय, प्रदेश के सभी जनपदों के जिला पंचायत अध्यक्ष, सदस्य वर्चुअल क्लास के माध्यम से जुड़े हुए थे।