मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने माता मंगला जी के जन्मदिवस पर मुख्यमंत्री आवास में हंस फाउंडेशन की उत्तराखंड के लिए 105 करोड़ रुपये की विभिन्न परियोजनाओं का शुभारंभ किया। इन योजनाओं में ‘हंस जल धारा के तहत लगभग 200 गांवों में शुद्ध पेयजल पहुंचाने की योजना प्रमुख है। इसकी लागत लगभग 50 करोड़ रुपये है। इस योजना को उत्तराखंड में दो से तीन साल में पूरा किया जाना है। कोरोना संक्रमण के चलते बड़ी संख्या में प्रवासी उत्तराखंडी पहाड़ लौटे है। इन लोगों के लिए हंस फाउंडेशन ने 25 करोड़ रुपये की राशि प्रदान की, जिसके माध्यम से पहाड़ लौटे प्रवासियों को स्वरोजगार उपलब्ध करवाने में मदद की जाएगी।इसी के साथ राज्य में लगभग 200 गांवों में आंगनबाड़ी केंद्रों का निर्माण किया जाना है। इनकी लागत लगभग 30 करोड़ रुपये है। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने माता मंगला जी के सुदीर्घ जीवन की कामना की। उन्होंने कहा कि माता मंगला जी के जीवन संघर्ष और उनकी सेवा भाव की विचारधारा हम सभी को प्रेरित करती है। उनका जीवन गरीबों की निस्वार्थ सेवा में समर्पित है। राज्य सरकार को भी हमेशा उनका सहयोग मिला है। माता मंगला जी व भोले जी महाराज समाज सेवा की भारतीय संस्कृति की महान परंपरा को आगे बढ़ा रहे हैं। इससे लाखों लोगों के जीवन में रोशनी फैल रही है। आज राज्य को माता जी के जन्मदिवस पर 105 करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात मिली है। यह निश्चित तौर पर हमारे राज्य को विकास के पथ पर लेकर जाएगा। इससे पहले हंस फाउंडेशन राज्य को श्री भोले जी महाराज के जन्मदिवस पर 100 करोड़ रुपये की योजनाओं का तोहफा दे चुका है। इसमें पौड़ी के लवाड़ में ‘नेशनल स्किल डेवलपमेंट सेंटर’ का निर्माण प्रमुख है। इस योजना से उत्तराखंड के हजारों नौजवानों को रोजगार के अवसर तो मिलेंगे ही साथ ही पलायन की मार झेल रहे उत्तराखंड से पलायन भी रुकेगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोनाकाल में हंस फाउंडेशन राज्य के साथ रात-दिन से सहयोगी के रूप में खड़ा रहा है। वह इसके लिए पूज्य माता मंगला जी एवं श्री भोले जी महाराज जी का आभार प्रकट करते हैं। माता मंगला जी के जन्मदिन के अवसर पर हंस फाउंडेशन ने रुद्रप्रयाग के जिला अस्पताल को एम्बुलेंस (टाटा विंगर), सक्शन मशीन, नेबुलाइज़र मशीन, लाइफ सपोर्ट डिवाइस डिफाइब्रिलेटर मशीन, वेंटिलेटर, ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, एक्स रे मशीन एवं ईसीजी मशीन प्रदान की है।