मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने किया हरेला महोत्सव का उद्घाटन

  • दो करोड़ औषधीय पौधे रोपण का है लक्ष्य

उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने सोमवार को हरेला पर्व के उपलक्ष्य पर वन विभाग द्वारा चंद्रबनी खालसा, क्लेमनटाउन में आयोजित वनमहोत्सव कार्यक्रम का उद्घाटन पीपल का पौधा लगाकर किया।इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा की इस साल प्रदेशभर में दो करोड़ औषधीय पौधे रोपने का लक्ष्य रखा गया है।कोरोना के चलते सामाजिक दूरी को ध्यान में रखते हुए बड़ा आयोजन नहीं होगा,लेकिन इस पूरे माह लक्ष्य को पूरा करने के लिए पौधारोपण का कार्य जारी रहेगा।मुख्यमंत्री ने साथ ही बताया हर घर में पानी के लक्ष्य पूरा करने के लिए प्रदेश के ग्रामीण इलाकों में नए पानी के कनेक्शन का शुल्क एक रूपया लिया जाएगा ,जो कि पहले साढ़े 23 सौ रूपये था।ग्रामीण इलाकों के अलावा शहरी क्षेत्रों में भी पानी का दाम घटाया जाने के अलावा मुख्यमंत्री ने बेरोजगारी पर बात करते हुए कहा सरकार का लक्ष्य बेरोजगार युवाओं को 20 दिन खाना परोस कर देना नहीं बल्कि 365 दिन का रोजगार उपलब्ध करवाना है। इसके लिए राज्य सरकार मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना और केंद्र सरकार की तमाम योजनाओं के तहत हर बेरोजगार को रोजगार उपलब्ध करवाने का प्रयास कर रही है। मनरेगा के अंतर्गत प्रदेशभर में लॉकडाउन अवधि से अब तक 36 हजार लोगों को रोजगार से जोड़ने की बात भी उन्होंने बताई। उन्होंने वन विभाग से भी स्वरोजगार पैदा करने में सहयोग की अपील की।वहीं, मीडिया से बातचीत के दौरान कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष प्रीतम सिंह द्वारा प्रोटोकॉल और सम्मान ना मिल पाने की बात पर चुटकी लेते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह उन्होंने अपने लिए कहा है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और कांग्रेस अध्यक्ष प्रीतम सिंह एक साथ एक मंच पर नहीं आ सकते उन दोनों में आपस में ही सम्मान और प्रोटोकॉल की लड़ाई है। यह प्रीतम सिंह का अपना दर्द है। शिक्षा मंत्री अरविंद पांडे द्वारा अधिकारियों के कामकाज एंव व्यवहार को लेकर केंद्र सरकार से शिकायत किए जाने के सवाल पर उन्होंने चुप्पी साध ली। कार्यक्रम में वनमंत्री हरक सिंह रावत ने भी अपनी बात को रखते हुए कोरोना वायरस को अवसर में बदलने की बात कही और कोरोना काल में प्रकृति को मिली राहत का जिक्र किया।वहीं ,धर्मपुर विधायक विनोद चमोली ने मुख्यमंत्री से चंद्रबनी में पार्क विकसित करने की मांग की। इस मौके पर वन सचिव आनंद वर्धन, पीसीसीएफ जयराज, पूर्व पीसीसीएफ आरबीएस रावत, डीएफओ राजीव धीमान, आरओ थानो डॉ. उदयनंद गौड़ समेत अन्य लोग भी मौजूद रहे।

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