पिछले महीने ही उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने कैंपा की समीक्षा बैठक में वन विभाग में 10 हजार व्यक्तियों को रोजगार मुहैया कराने के निर्देश दिए थे। अब मुख्यमंत्री के निर्देशानुसार वन विभाग के माध्यम से 10 हजार व्यक्तियों को बतौर वन प्रहरी रोजगार देने का रास्ता साफ हो गया है। उत्तराखंड प्रतिकरात्मक वनरोपण निधि प्रबंधन और योजना प्राधिकरण (उत्तराखंड कैंपा) की राज्य स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी की बैठक में चालू वित्तीय वर्ष के लिए 265 करोड़ का बजट अनुमोदित किया गया। इसमें 41.80 करोड़ की राशि का प्रविधान वन प्रहरियों की सीजनल तैनाती के लिए प्रस्तावित किया गया है। इसके अलावा 6 नदियों का पुनर्जीवीकरण, चार बंदरबाड़ों का निर्माण, मानव-वन्यजीव संघर्ष थामने को कदम समेत अन्य कई कार्य भी कैंपा की वार्षिक कार्ययोजना में निर्धारित किये गये हैं।
मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने बीती नौ सितंबर को उत्तराखंड कैंपा की समीक्षा बैठक में वन विभाग में 10 हजार व्यक्तियों को रोजगार मुहैया कराने के निर्देश दिए थे। इसके बाद कैंपा की कार्यकारी समिति की 23 सितंबर को हुई बैठक में वन प्रहरियों की तैनाती समेत अन्य मसलों को शामिल करते हुए वार्षिक कार्ययोजना को अंतिम रूप दिया गया। यह 210 करोड़ की थी, जिसे अनुमोदन के लिए सोमवार को मुख्य सचिव ओमप्रकाश की अध्यक्षता में हुई कैंपा की राज्य स्तरीय स्टीयरिंग कमेटी की बैठक में अनुमोदन के लिए रखा गया। स्टीयरिंग कमेटी ने वार्षिक कार्ययोजना पर मंथन के बाद इसमें 55 करोड़ की वृद्धि करने का फैसला लिया। इसके बाद राज्य के लिए कैंपा की 265 करोड़ की वार्षिक कार्ययोजना अनुमोदित कर दी गई। बैठक में मौजूद रहे कैंपा की कार्यकारी समिति के अध्यक्ष एवं वन विभाग के मुखिया जयराज के अनुसार कार्ययोजना में 10 हजार वन प्रहरियों की तैनाती के लिए 41.80 करोड़ का प्रविधान प्रस्तावित है। वन प्रहरियों को वन एवं वन्यजीवों की सुरक्षा, वानिकी कार्यों में सीजनल तैनाती दी जाएगी। कार्ययोजना के मुताबिक इस वर्ष राज्य की खोह, गंडक, हेंवल, गहड़, मालन, गरुड़गंगा, र्राइंगाड नदियों का पुनर्जीवीकरण किया जाएगा, जिसके लिए 51.85 करोड़ का बजट प्रस्तावित है।