उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने रविवार को माटी कला परिषद (बोर्ड) कार्यालय में मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना के अन्तर्गत कुम्हारी कला के लिए विद्युत चालित चाक वितरित किये। इस दौरान यहां सीएम त्रिवेन्द्र ने माटी कला के लिए राज्य में एक प्रशिक्षण केन्द्र खोलने और माटी कला बोर्ड को मिट्टी गूंथने वाली 200 मशीनें देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि मिट्टी के कार्यों से जुड़े शिल्पकारों का एक डाटा बेस बनना चाहिए। ऐसे स्थान चिन्हित किये जाए जहां पर इस शिल्प पर आधारित कार्य अधिक हो रहे हैं एवं मिट्टी के उपकरण बनाने के लिए उपयुक्त मिट्टी वाले स्थानों को चिन्हित करना जरूरी है।
उन्होंने कहा कि तकनीक के साथ इस शिल्प को कैसे और उभारा जा सकता है, इस दिशा में प्रयासों की जरूरत है। युवा पीढ़ी आधुनिक तकनीक के कार्यों के महत्व को जानती है। हमें अपनी विशेषज्ञता वाले कार्यों से अपनी पहचान को बढ़ाना होगा। प्लास्टिक प्रतिबंधित होने से मिट्टी के उपकरणों की मांग बढ़ी है। त्योहारों का सीजन और उसके बाद हरिद्वार कुंभ में मिट्टी के उपकरणों की मांग बहुत तेजी से बढ़ेगी। बाजार की मांग के हिसाब से पूर्ति की व्यवस्था हो। सरकारी कार्यालयों में भी मिट्टी के उपकरणों एवं गमलों के इस्तेमाल के लिए प्रोत्साहित किया जायेगा।
इस अवसर पर क्षेत्रीय विधायक विनोद चमोली ने कहा कि माटी के कार्य से जुड़े लोगों के जीवन स्तर में सुधार की दिशा में सरकार कार्य कर रही है। उन्होंने कहा कि इन कार्यों को प्रोत्साहित करने के लिए विभिन्न मेलों में मटा कला बोर्ड के स्टाॅल लगने चाहिए। जिससे इस कार्य से जुड़े लोगों को अपने उत्पादों को बेचने में मदद मिलेगी।