ऋषिकेश 11 जुलाई ।परमार्थ गुरूकुल के आचार्यो और ऋषिकुमारों ने शंख ध्वनि और वेद मंत्रों से राज्यपाल का अभिनन्दन किया। स्वामी चिदानन्द सरस्वती और राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने विभिन्न समसामयिक विषयों पर चर्चा की। स्वामी ने रूद्राक्ष वनों की स्थापना, शिवालय से जलाशय की यात्रा और कावंड के दौरान परमार्थ निकेतन द्वारा किये जा रहे विभिन्न सेवा कार्यों के विषय मे माननीय कोश्यारी को जानकारी प्रदान की। राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कहा कि स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने भारत की संस्कृति को वैश्विक स्तर तक पहुंचाने में महत्वपूर्ण योगदान दिया। वे गंगा आरती के माध्यम से राष्ट्र भक्ति, संस्कृति, संस्कार, वृक्षारोपण और पृथ्वी को प्लास्टिक फ्री करने के लिये वर्षो से अद्भुत कार्य कर रहे हैं। स्वामी की कार्य करने की शैली, योजनायें और ऊर्जा अद्भुत है। स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने आज विश्व जनसंख्या दिवस के अवसर पर कहा कि भारत विश्व की सबसे युवा आबादी वाला राष्ट्र है। एक तरफ तो युवाओं के पास रोजगार ; नशा मुक्त हैं और उनके पास जीवन जीने की दिशा भी है परन्तु वही दूसरी ओर भारत के महानगरों में सड़कों पर हमें बच्चे गाड़ी साफ करते, भीख मांगते, नशा करके सड़कों पर पडे़ और चोरी करके भागते हुये अक्सर दिखायी देते हैं, इसमें गलती उन बच्चों की नहीं है जो अपने घरों से निकलकर यह सब कर रहे हैं बल्कि उनकी है जिन्होंने उन्हें जन्म तो दिया परन्तु न संस्कार, न शिक्षा और न रोजगार के अवसर दिये बल्कि उनके ऊपर से छोटे भाई-बहनों के बोझ को और लाद दिया इसलिये अब दो बच्चों का कानून लागू किया जाना चाहिये। जिसके दो बच्चें होंगे वही चुनाव लड़ सकता है और वही वोट दे सकता है। इसी तरह सरकारी नौकरियों, सरकार से मिलने वाली सब्सिडी, सरकारी दर पर मिलने वाले राशन, स्वास्थ्य सुविधायें, शिक्षा में विशेष छूट उन्ही को दी जानी चाहिये जिनके दो या दो से कम बच्चे हों। उन्हें ही विशेष अधिकार दिये जाने चाहिये तभी भारत में बढ़ती जनसंख्या रूपी बम विस्फोट को रोक सकते है।स्वामी चिदानन्द सरस्वती ने माननीय राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को रूद्राक्ष का पौधा भेंट कर 9 सिम्तबर को हिमालय दिवस के अवसर पर परमार्थ निकेतन में आयोजित कार्यक्रम में सहभाग हेतु विशेष रूप से आमंत्रित किया।इस अवसर पर डीएम पौड़ी विजय कुमार जोगदांडे , संदीप गुप्ता पूर्व राज्यमंत्री, पूर्व नगर उद्योग महामंत्री प्रतीक कालिया , आदि उपस्थित थे।