देहरादून द फोकस आई 9 अगस्त। डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (Defense Services Staff College) एक ऐसा रक्षा सेवा प्रशिक्षण संस्थान है, जहां भारतीय नौसेना, वायु सेना और नौसेना के अधिकारियों को एक छत के नीचे पराक्रम और युद्ध कौशल का पाठ पढ़ाया जाता है. तमिलनाडु के नीलगिरी जिले में वेलिंगटन इलाके में स्थित रक्षा मंत्रालय के इस संस्थान में भारतीय सशस्त्र बलों की तीनों सेवाओं के अधिकारियों के अतिरिक्त अर्धसैनिक बलों, सिविल सेवाओं में चयनित अधिकारियों, कमांड और स्टाफ नियुक्तियों के लिए मित्र देशों के अधिकारियों को प्रशिक्षित किया जाता है.
इस कॉलेज की स्थापना ब्रिटिश हुकूमत ने आर्मी स्टाफ कॉलेज के तौर पर 1905 में नासिक के करीब देवलाली इलाके में की थी. हालांकि 1907 में इस कॉलेज को पाकिस्तान के क्वेटा स्थानांतरित कर दिया गया था. 1947 में भारत-पाकिस्तान बंटवारे के बाद, इस कॉलेज की स्थापना वेलिंगटन में की गई. इस कॉलेज के पहले कमांडेट के तौर पर ब्रिगेडियर एसडी वर्मा को नियुक्त किया गया
डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज (DSSC) के पूर्व छात्रों में फील्ड मार्शल सैम मानेकशॉ के अलावा देश के पहले सीडीएस बिपिन रावत का नाम भी शामिल है. फील्ड मार्शल मानेकशॉ और सीडीएस बिपिन रावत के अलावा, जनरल पी. पी. कुमारमंगलम, जनरल तपीश्वर नारायण रैना, जनरल ओम प्रकाश मल्होत्रा, जनरल अरुण श्रीधर वैद्य, जनरल के वी कृष्णा राव, जनरल कृष्णास्वामी सुंदरजी, जनरल विश्वनाथ शर्मा, जनरल सुनीथ फ्रांसिस रोड्रिग्स, जनरल बिपिन चंद्र जोशी, जनरल वेद प्रकाश मलिक, जनरल सुंदरराजन पद्मनाभन, जनरल निर्मल चंदर विजो, जनरल जेजे सिंह, जनरल दीपक कपूर, जनरल वीके सिंह, जनरल बिक्रम सिंह और जनरल मनोज मुकुंद नरवणे भी इस कॉलेज के पूर्व छात्रों की सूची में शामिल हैं.
मुझे एक सुखद अनुभव इस संस्थान को करीब से देखने समझने का अवसर मिला। एक अन्य जानकारी मिली कि इस समय इस संस्थान मे हमारी मोहयाल समाज के चार स्दस्यों द्वारा प्रशिक्षण देने(डी एस) का कार्य किया जा रहा है जो मेरे विचार अनुसार मोहयाल इतिहास का स्वर्ण अवसर है । सुरक्षा और गोपनीयता के कारण मैं सिर्फ इतना ही कहूँगा की तीन बाली और एक दत्त जो तीनों सेनाओं को प्रतिनिधित्व करते हैं इस के वर्तमान मे इस संस्थान का महत्वपूर्ण हिस्सा है । सभी के अन्दर मोह्यलियत भरपूर हैं और मुझे आशा नही वरन विश्वास है कि अपने अपने कार्य क्षेत्र में बडे स्थान प्राप्त कर परिवार के साथ साथ मोहयालौं का नाम रोशन करेंगे ।
यह लेख युवा मोहयालौं के लिए प्रेरणादायक व उपयोगितावादी हो।
लेखक-लाल प्रवेश मेहता एडवोकेट डोईवाला देहरादून
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