भाजपा विधायक महेश नेगी ने बयान दर्ज करने के बाद डीजीपी से की डीआईजी की शिकायत

बुधवार को दुष्कर्म व यौन उत्पीड़न मामले में सीओ सदर ऑफिस पहुंचकर बयान दर्ज करने के बाद भाजपा विधायक महेश नेगी ने पुलिस मुख्यालय में डीजीपी को पत्र लिखकर देहरादून डीआईजी की शिकायत की है।पत्र में विधायक ने लिखा है कि उनका स्वास्थ्य खराब होने के कारण वह दो-तीन दिन से पुलिस के पास बयान दर्ज कराने नहीं आ सके, ऐसे में डीआईजी ने उनको जबरन उठाकर सख्त कार्रवाई करने जैसा आपत्तिजनक बयान दिया।इसके अलावा विधायक ने मुख्यालय को लिखे पत्र में यह भी कहा कि उनकी शिकायत पर कार्रवाई करने की बजाय पुलिस उनके साथ इस प्रकार का व्यवहार कर रही है, विधायक ने इस मामले में ब्लैकमेल करने वाली महिला सहित अन्य लोगों की गिरफ्तारी की मांग भी की है।बता दें, डीआईजी जोशी ने भाजपा विधायक के बयान करने से पहले
कहा था कि कानून की नजर में साधारण व्यक्ति और विधायक दोनों बराबर हैं। अगर दुष्कर्म के आरोपों की पुष्टि हुई तो विधायक को जेल जाना होगा।जोशी ने कहा, पुलिस किसी दबाव में नहीं आएगी। ब्लैकमेलिंग के मुकदमे और महिला की ओर से आई दुष्कर्म की तहरीर पर सभी पहलुओं पर जांच कर रही है।मुकदमा चूंकि दर्ज हो चुका है, लिहाजा सारी जांच और कार्रवाई इसी के तहत होगी। महिला की तहरीर को मुकदमे की जांच में शामिल कर दिया है। पारदर्शिता के साथ निष्पक्ष जांच हो रही है।जिसके बाद आनन-फानन में विधायक महेश नेगी ने सीओ सदर ऑफिस पहुंचकर पुलिस क्षेत्राधिकारी सदर अनुज कुमार के सामने अपने बयान दर्ज किए थे।

क्या है मामला :

बीती शुक्रवार 14 अगस्त को द्वाराहाट के बीजेपी विधायक महेश नेगी की पत्नी रीता नेगी ने एक महिला के ख़िलाफ़ ब्लैकमेलिंग की तहरीर दी थी।इसमें आरोप था कि द्वाराहाट निवासी महिला विधायक पर यौन शोषण का आरोप लगाने की धमकी दे रही है और ऐसा न करने के लिए पांच करोड़ रुपये की फ़िरौती मांग रही है।मामला सामने आने के बाद पुलिस ने आरोपित महिला से पूछताछ की, इसके बाद उसने भी विधायक के ख़िलाफ़ तहरीर दी कि विधायक महेश नेगी ने उसको मदद के नाम पर उसके साथ दुराचार किया और बाद में उसको हल्द्वानी के साथ ही डरा धमका कर नेपाल, मसूरी, यूपी अलग-अलग इलाकों में ले जाकर शाररिक संबन्ध बनाए थे. महिला ने दावा किया कि उसकी नवजात बच्ची के पिता विधायक महेश नेगी हैं इसलिए कोर्ट के माध्यम से उसका DNA टेस्ट करवाया जाए।पुलिस ने विधायक की पत्नी की तहरीर पर तो एफ़आईआर दर्ज कर ली लेकिन आरोपित या पीड़ित महिला की तहरीर पर नहीं की। जिसके बाद बुधवार को पुलिस के पास बयान दर्ज करवाने पहुंची पीड़िता ने पुलिस पर एकतरफ़ा कार्रवाई करने का आरोप लगाया था और कहा था कि वह इंसाफ़ के लिए हाईकोर्ट जाएगी। इसके बाद देर शाम पुलिस ने इस केस की जांच सीओ नेहरु कॉलोनी पल्लवी त्यागी से छीनकर सीओ सदर अनुज कुमार को सौंप दी थी और डीआईजी ने कहा कि जांच में सहयोग न करने वालों की गिरफ़्तारी की जाएगी।

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