भाजपा नेता और राज्यसभा सांसद सुब्रमण्यम स्वामी चारधाम देवस्थानम बोर्ड गठन मामले में उत्तराखंड हाइकोर्ट के आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए हैं। उन्होंने आदेश के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में विशेष अनुमति याचिका दाखिल कर उत्तराखंड हाईकोर्ट के गत 21 जुलाई के आदेश को चुनौती दी है। हाइकोर्ट ने चारधाम और अन्य 51 मंदिरों का प्रबंधन राज्य सरकार के ले लेने वाले कानून को चुनौती देने वाली स्वामी की याचिका खारिज कर दी थी।
सुब्रमण्यम स्वामी ने कहा है कि क्या वजह है कि हमारे सेक्युलर देश में केवल मंदिर ही सरकार के नियंत्रण में हैं, जबकि मस्जिद और अन्य धार्मिक स्थान नहीं, स्वामी ने इसी साल 21 जुलाई को उत्तराखंड हाईकोर्ट में याचिका दायर कर प्रदेश सरकार के चार धाम देवस्थानम मैनेजमेंट बोर्ड बनाने के फैसले को चुनौती दी थी। राज्य सरकार ने इस बोर्ड के गठन के साथ ही चार धाम और 51 अन्य मंदिरों का नियंत्रण अपने पास ले लिया था, सुब्रमण्यम स्वामी की याचिका उत्तराखंड हाईकोर्ट ने खारिज कर दी थी। उत्तराखंड हाईकोर्ट ने स्वामी की याचिका खारिज करते हुए बोर्ड की वैधता बरकरार रखी थी।उत्तराखंड हाईकोर्ट ने तब अपने फैसले में कहा था कि बोर्ड के पास संपत्ति के साथ ही प्रशासनिक शक्तियां होंगी,मंदिरों का स्वामित्व राज्य सरकार के पास होगा।
बता दें कि सुब्रमण्यम स्वामी ने तब हाईकोर्ट में मौलिक अधिकारों की भी दुहाई दी थी। स्वामी ने तब हाईकोर्ट में दलील दी थी कि संविधान के तहत सभी नागरिक, संप्रदायों को मौलिक अधिकारों की गारंटी प्राप्त है।सरकार संविधान से मिले इस अधिकारी का उल्लंघन कर रही है।