3 जून केंद्र सरकार ने गुरुवार को शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) अभ्यर्थियों के लिए बड़ा ऐलान करते हुए टीईटी योग्यता प्रमाणपत्र की वैधता अवधि को वर्तमान सात वर्ष से बढ़ाकर आजीवन करने की घोषणा की है। इसका ऐलान करते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि शिक्षण क्षेत्र में करियर बनाने के इच्छुक उम्मीदवारों के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने की दिशा में यह एक सकारात्मक कदम होगा।राष्ट्रीय शिक्षक शिक्षा परिषद (एनसीटीई) के 11 फरवरी 2011 के दिशानिर्देशों में कहा गया है कि राज्य सरकार शिक्षक पात्रता परीक्षा (टीईटी) का आयोजन करेंगी और टीईटी योग्यता प्रमाणपत्र की वैधता की अवधि परीक्षा पास होने की तिथि से सात वर्ष तक होगी । केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने कहा कि जिन उम्मीदवारों या छात्रों के प्रमाणपत्र की सात वर्ष की अवधि पूरी हो गई है, उनके बारे में संबंधित राज्य सरकार या केंद्र शासित प्रशासन टीईटी की वैधता अवधि का पुनर्निधारण करने या नये टीईटी प्रमाणपत्र जारी करने के लिए जरूरी कदम उठाएंगे।केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय ने बड़ा ऐलान करते हुए शिक्षक पात्रता परीक्षा यानी Teachers Eligibility Test- TET योग्यता प्रमाण पत्र की वैलिडिटी पीरियड यानी वैधता अवधि सात साल से बढ़ाकर आजीवन कर दी है। केन्द्र सरकार ने यह फैसला तत्काल प्रभाव से लागू करने के निर्देश दिए हैं। इतना ही नहीं केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय द्वारा जारी बयान के मुताबिक़ यह फैसला 10 वर्ष पहले यानी एक जनवरी 2011 से लागू किया गया है। इसका मतलब ये है कि इस अवधि के दौरान जिनका टीईटी अवधि पूरी भी हो चुकी है, वे भी शिक्षक भर्ती परीक्षाओं में शामिल होने के पात्र होंगे। अब टीईटी पास करने के बाद बार-बार परीक्षा देने की दरकार नहीं रहेगी। केन्द्रीय शिक्षा मंत्रालय ने राज्यों को कहा है कि वे सात वर्ष की अवधि पूरी कर चुके जनवरी 2011 के बाद के उम्मीदवारों को नए टीईटी प्रमाण पत्र जारी करने के लिए आवश्यक कार्रवाई करेंगे।
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