ऋषिकेश (देहरादून ) कोतवाली ऋषिकेश में शिकायतकर्ता रोहित राजभर पुत्र सूरज राजभर निवासी चंद्रभागा ऋषिकेश देहरादून के द्वारा ₹34000 की ठगी का प्रार्थना पत्र दिया गया।शिकायतकर्ता की उक्त शिकायत पर कोतवाली ऋषिकेश मेंमुकदमा अपराध संख्या 265/2022 धारा 420 आईपीसी बनाम अज्ञात पंजीकृत कर घटना की जानकारी उच्च अधिकारी गणों को दी गई।बैंक में ठगी की इस घटना की गंभीरता के दृष्टिगत एक पुलिस टीम बनाकर बैंक के अंदर व बाहर तथा आने जाने वाले रास्तों पर लगे लगभग 35 सीसीटीवी कैमरे का बारीकी से निरीक्षण किया गया, जिस पर दिनांक 8 जून 2022 की सांय मुखबिर की सूचना पर बैंक में ठगी करने वाले 06 शातिर अभियुक्तों को ठगी करने के लिए प्रयोग में लाई जाने वाली कागज की 01 गड्डी व नकद ₹69,000/- के साथ घटना में प्रयुक्त ब्रेजा कार रजिस्ट्रेशन नंबर DL5CP8163 के साथ देहरादून रोड फ्लाईओवर के पास से के पास से गिरफ्तार किया गया।पकड़े गए अभियुक्तों का विवरण इस प्रकार है..👇👇
पिंटू पुत्र श्री रामनाथ राम निवासी ग्राम धर्म बागी नराव थाना अवतार नगर छपरा बिहार,हाल निवासी- लक्ष्मी नगर अक्षरधाम दिल्ली.,सत्य प्रकाश पुत्र लालाराम निवासी ग्राम सिरसौल पट्टी जसा थाना बिल्सी बदायूं उत्तर प्रदेशहाल निवासी- करावल नगर दिल्ली,सोनू पुत्र राजाराम निवासी मकान नंबर 10 गली नंबर 2 वेस्ट कमल विहार थाना करावल नगर दिल्ली 94.,अंसार पुत्र अब्दुल अंसार उर्फ गफ्फार निवासी 369 कर्बला थाना दक्षिण जिला फिरोजाबाद उत्तर प्रदेशहाल निवासी- करावल नगर दिल्ली 94.,पंकज कुमार पुत्र छतु साहू निवासी हर्ष विहार टू चेतना पब्लिक विद्यालय थाना साहिबाबाद गाजियाबाद उत्तर प्रदेश,ऋषि पाल सिंह पुत्र उदय सिंह निवासी वेस्ट कमल विहार डी 368 गली नंबर 4 थाना करावल नगर दिल्ली 94.बरामदगी विवरण इस प्रकार से है..एक कागज की गड्डी जिसमें 500-500 के नोट लगे हैं कुल ₹35000 तथा ठगे गए ₹34000 सहित कुल 69000 रुपए,,एक ब्रेजा कार रजिस्ट्रेशन नंबर DL5CP8163,अभियुक्त पिंटू से एक कागज की गड्डी जिसमें ऊपर नीचे पान 500 के नोट लगे हैं कुल ₹35000,₹6000 (ठगी से हिस्से में आए)अभियुक्त सत्य प्रकाश से₹5500 (ठगी से हिस्से में आए),अभियुक्त सोनू से₹5500 (ठगी से हिस्से में आए),अभियुक्त अंसार से₹5500 (ठगी से हिस्से में आए),अभियुक्त पंकज कुमार से ₹5500 (ठगी से हिस्से में आए) ,अभियुक्त ऋषिपाल से₹6000 (ठगी से हिस्से में आए) ।पूछताछ में अभियुक्तों द्वारा बताया गया कि वे लोग बैंक के अंदर ऐसे व्यक्ति का चयन करते हैं जोकि छोटा लड़का या बुजुर्ग हो। उसके बाद वे उसे लालच देते हैं कि हम कहीं से पैसा चोरी करके लाए हैं। यदि वह उन्हें अपने खुले हुए पैसे दे दे तो वे उसे बंधे हुए कुछ एक्स्ट्रा पैसे दे सकते हैं।अभियुक्तों ने यह भी बताया कि कभी-कभी वे खुले पैसे लेकर बंधे हुए पैसे देने का बहाना बना कर भी कागज की गड्डी थमा कर वहां से निकल जाते हैं। वे पहले से कागज की 2-3 गड्डी को रुमाल में बांध कर रखते हैं, और उसके ऊपर एक नोट असली वाला लगा देते हैं। जिससे सामने वाले को यकीन हो जाए कि यह पैसों की गड्डी है।यदि हमें बैंक में कोई एटीएम कार्ड, पासबुक, आधार कार्ड आदि मिलता है, तो हम उसे अपने पास रख लेते हैं। जिससे बैंक के गार्ड या पुलिस चेकिंग के दौरान स्वयं को लोकल का व्यक्ति सिद्ध कर सके और किसी को हम पर कोई शक ना हो।