विधानसभा चुनावों के कारण 27 फरवरी से 66 दिनों के लिए कीमतें नहीं बढ़ाई गईं। हालांकि अब हर दिन सुबह छह बजे पेट्रोल डीजल के रेट बढ़ने की खबर से शुरूआत होती है। नये पेट्रोलियम मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने इसके लिए कुछ समय मांगा है।
देश में पेट्रोल डीजल की कीमतों में वृद्धि से जनता में हाहाकार मच गया है। इस समय पेट्रोल के रेट 111 रूपये के पार चले गये हैं। पक्ष विपक्ष के आरोप प्रत्यारोप पेट्रो पदार्थों की मूल्य वृद्धि पर एक दूसरे पर लग रहे हैं लेकिन पक्ष विपक्ष की चक्की में पिस जनता रही है।
राजस्थान के श्रीगंगानगर में तो पेट्रोल 111.87 रुपये प्रति लीटर और डीजल 102.87 रुपये प्रति लीटर पर बिक रहा है। श्रीगंगानगर देश का वह पहला जिला है, जहां पेट्रोल ने सबसे पहले शतक पूरा किया। डीजल भी यहाँ 102 रूपये पहुंच गया है। यहाँ फरवरी में ही पेट्रोल 100 रूपये था। दरअसल राजस्थान में पेट्रोल पर सबसे ज्यादा वैट लगता है।
खास बात यह है कि विधानसभा चुनावों के कारण 27 फरवरी 2021 से 66 दिनों के लिए कीमतें नहीं बढ़ाई गईं। हालांकि अब हर दिन सुबह छह बजे पेट्रोल डीजल के रेट बढ़ने की खबर से शुरूआत होती है।
1 जुलाई के आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, दिल्ली में पेट्रोल पर 33.29 फीसद केंद्र सरकार और 23.07 फीसद राज्य सराकर टैक्स वसूलती है। डीजल पर केंद्रीय कर 35.66 फीसदी से अधिक है, जबकि राज्य सरकार का टैक्स करीब 14.62 फीसदी है। 2020 में जैसे ही वैश्विक कच्चे तेल की कीमतें गिर गईं, केंद्र सरकार ने अपना खजाना भरने के लिए ईंधन पर उत्पाद शुल्क बढ़ा दिया। राज्यों ने भी कुछ ऐसा ही किया।
अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों में 4 मई से अस्थिरता देखी गई। भारत में पेट्रोल-डीजल की दरें केवल ऊपर की दिशा में बढ़ीं। उदाहरण के लिए, ब्रेंट क्रूड 20 मई को गिरकर 65.11 डॉलर पर आ गया था जो इन 46 दिनों में सबसे कम रहा। अगले दिन पेट्रोल और डीजल की दरों में क्रमशः 19 पैसे प्रति लीटर और 29 पैसे प्रति लीटर की वृद्धि हुई।
सरकारी तेल विपणन कंपनियों के अनुसार पेट्रोल-डीजल की कीमतें इसलिए बढ़ रही हैं, क्योंकि कंपनियां अपने पिछले राजस्व घाटे की वसूली कर रही हैं।