‘प्रज्ञा प्रवाह’ के पांच दिवसीय अभ्यास वर्ग का हुआ समापन, डॉ गौरव राव ने कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर रखें अपने विचार

भारत की वैचारिक चेतना को जागृत करने के लिए प्रसिद्ध संगठन ‘प्रज्ञा प्रवाह’ के पांच दिवसीय अभ्यास वर्ग के समापन मौके पर आज मुख्य वक्ता के रूप में डॉ गौरव राव ने लक्ष्य प्राप्ति शीर्षक पर अपने विचार प्रस्तुत किए। उन्होंने अपने उद्बोधन में सामाजिक समूह को जागृत , कर्तव्य बौद्धिक संपदा तथा बौद्धिक संपदा का संरक्षण किस प्रकार किया जा सकता के बारे में भी अभ्यास वर्ग में शामिल सदस्यों को बताया। उन्होंने कहा प्रज्ञा प्रवाह एक गत्यात्मक विषय विचार समूह है, इसकी दृष्टि दिशा को समझने और समय अनुकूल भारतीय समूह को बनाना तथा भारत एवं विदेशी भारतीयों को एक दूसरे से जोड़ने पर विचार व्यक्त किए। उन्होंने अपने उद्बोधन में एकेडमिक क्षेत्र स्वाध्याय , राष्ट्रीय समस्याओं एकात्म मानव दर्शन स्वदेशी विभिन्न पहलुओं पर विचार दिए। इसके अलावा समाचार पत्रों से संपर्क नियमित संपर्क कार्यक्रम प्रोत्साहन मीडिया केंद्रीय मीडिया केंद्र की स्थापना, वाद विवाद विषय आधारित समूह विमर्श समूह लेखन भौतिक क्षेत्र में थिंकटैंक पर भी विचार व्यक्त किए।

अभ्यास वर्ग के समापन के मौके पर प्रज्ञा प्रवाह पश्चिमी उत्तर प्रदेश देवभूमि विचार मंच के क्षेत्र संयोजक भगवती प्रसाद जी ने अपने उद्बोधन में आगामी वर्ष के लिए कार्यक्रमों को सूचीबद्ध करने की बात कही, जिसमें तीनों प्रांतों में शोध की भूमिका जिला महानगर की इकाइयों में अक्टूबर तक योजना बनाकर देने की बात की। उन्होंने कहा व्याख्यान सेमिनार वेबीनार को को भी प्रांत संयोजक को बनाकर देना है, प्रांत संयोजक और सह संयोजक नियमावली का निर्माण करेंगे इसके अतिरिक्त स्मारिका पुस्तक प्रकाशन सोशल मीडिया समाचार पत्र के लिए विविध योजना बनाने को भी कहा और सोशल मीडिया जैसे फेसबुक ट्विटर पर भी प्रसारित करने की योजना बनाने तथा महिलाओं विद्यार्थियों को युवा कार्यकारिणी में स्थान देने पर जोर दिया।

इस अवसर पर डॉ सकलानी, डॉ सारस्वत, डॉ पुरोहित, डॉ रीना चंद्रा, डॉ अंजलि वर्मा ,डॉ प्रवीण कुमार, रवि जोशी तमाम विद्वत जन अभ्यास वर्ग में उपस्थित रहे।

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