देहरादून 29 अक्टूबर। 15 अक्टूबर को हुई डकैती में वांछित 02 इनामी अभियुक्तों को
लूट के माल व घटना में प्रयुक्त तमंचों व कारतूस के साथ डोईवाला पुलिस ने किया गिरफ्तार ।
15 अक्टूबर को शीशपाल अग्रवाल के घर पर दिन में हुई डकैती के संबंध में थाना डोईवाला, देहरादून पर मु0अ0सं0 -371/22 धारा 395 भादवि पंजीकृत किया गया था। पुलिस द्वारा उक्त अभियोग का तत्काल अनावरण करते हुए अब तक घटना में संलिप्त 05 अभियुक्तों को गिरफ्तारी कर उनके कब्जे से 8,70,300/ रूपये, सोने व हीरे के जेवरात, 01 तमंचा 315 बोर, 02 जिंदा कारतूस, घटना में प्रयुक्त 01 कार ईको स्पोर्टस , 01 कार स्विफ्ट डिजायर, 01 एक्टिवा व 01 मोटरसाइकिल प्लेटिना बरामद किए जा चुके हैं तथा दौराने विवेचना मुकदमा उपरोक्त मे धारा- 120बी/34/412 भादवि की बढोत्तरी की गयी।
दौराने विवेचना प्रकाश में आये अभि0 नावेद पुत्र इकबाल निवासी नियाजुपुरा मुजफ्फरनगर उ0प्र0 तथा अभि0 वसीम उर्फ काला पुत्र शराफत खान निवासी खालापार मुजफ्फरनगर उ0प्र0 की गिरफ्तारी हेतु वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक देहरादून द्वारा दिनांक- 23 अक्टूबर को अभियुक्तों पर 25-25 हजार रूपये के पुरस्कार की घोषणा की गयी थी। डकैती के उक्त अभियोग में शेष वांछित अभियुक्तगणों की गिरफ्तारी व बरामदगी में लगी पुलिस टीमों द्वारा दिनांक: 28 अक्टूबर को मुखबिर की सूचना के आधार पर उक्त इनामी अभियुक्तगण नावेद व वसीम को समय 20ः15 बजे आशारोड़ी देहरादून के पास से गिरफ्तार करने में सफलता प्राप्त की गयी। गिरफ्तार अभियुक्तों से घटना में लूटी हुयी रकम 3,24,000/रूपये, 25 चांदी के सिक्के, 01 गले का हार, 01 जोड़ी पायजेब, लूट के पैसों से खरीदी एक स्प्लेंडर मोटरसाइकिल, घटना में प्रयुक्त 02 तमंचे व 02 जिंदा कारतूस बरामद हुए हैं। गिरफ्तार अभियुक्तगणो में से वसीम ने घटना के दिन वादी की पत्नी व नौकरानियों को तंमचे के बल पर कमरे में बंधक बनाकर रखा था, जबकि नावेद घटना के दिन बाहर से ही निगरानी करता रहा ।
गिरफ्तार अभियुक्तगणों द्वारा गहनता से पूछताछ में घटना के संबंध में विस्तृत जानकारी दी है। पूछताछ के आधार पर अन्य अभियुक्तगणो के नाम पते व अन्य महत्वपूर्ण जानकारिया पुलिस को प्राप्त हुयी है। घटना में संलिप्त अन्य अभियुक्तों की गिरफ्तारी व शेष माल की बरामदगी के प्रयास किए जा रहे हैं। गिरफ्तार अभियुक्तों द्वारा पूछताछ में बताया कि घटना करने के बाद उन्हें सुराग मिल गये थे कि पुलिस को अभियुक्तों के बारे में महत्वपूर्ण सुराग मिल चुके है, इसलिए इनके द्वारा घटना के अगले दिन ही लूटे गए पैसों से एक मोटरसाइकिल स्प्लेंडर खरीद ली और उसी दिन दोनों अभियुक्तगण उक्त मोटरसाइकिल में बैठकर पुलिस से बचने के लिए मुजफ्फरपुर बिहार की ओर चले गए थे। जब इनको अपने सूत्रों से जानकारी हुई की देहरादून पुलिस द्वारा हम पर ईनाम घोषित कर दिया गया है और हम लोग कहीं भी पहचाने व पकड़े जा सकते हैं, तो यह लोग वापस आए और अभियुक्त वसीम के देहरादून स्थित रिश्तेदारी में छिपने आ रहे थे ताकि मौका देख कर यह माननीय न्यायालय में आत्मसमर्पण कर सके। परंतु पुलिस द्वारा उससे पहले ही इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया।