पीड़ित के लिए दून पुलिस बनकर पहुंची ईश्वर… पूरी खबर जानने के लिए पढ़िया आगे..

देहरादून। कोरोना काल में पीड़ितों के लिए मित्र पुलिस मददगार बनी हुई है। मदद मागने वालों को पुलिस हर तरह की सहायता कर इंसानियत का फर्ज अदा कर रही है। इसी क्रम में हेल्पलाइन नम्बर पर कॉलर द्वारा तीसरी बार सहायता मांगे जाने पर तीर्थनगरी ऋषिकेश के चीता पुलिस कर्मियों के द्वारा व्यवस्था न होने पर स्वयं पी.पी.ई. किट पहनकर करोना पीड़ित को एम्स में भर्ती कराया गया।
कोविड़-19 संक्रमण के दौरान आमजन की सहायता हेतु कोतवाली ऋषिकेश पुलिस द्वारा एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया गया है। उक्त हेल्पलाइन नंबर पर 28 अप्रैल को एक कॉल आई। जिसमें काँलर द्वारा परिवार के तीन सदस्यों जिनमें वह स्वयं, उनकी पत्नी (वरिष्ठ नागरिक) एवं एक बेटी सभी का गम्भीर रुप से बीमार होना बताया व घर पर कोविड19 टेस्ट करवाने की आवश्यकता बतायी। कालर की मदद करते हुए प्रभारी निरीक्षक, द्वारा तत्काल् राजकीय चिकित्सालय ऋषिकेश से सम्पर्क कर काँलर के घर पर तीनों का कोविड टेस्ट करवाया गया जिसमें उक्त तीनो कोरोना पॉजिटिव पाये गये। 29 अप्रैल को एक बार फिर कोरोना पीड़ित परिवार द्वारा पुनः काँल कर बताया गया की उनकी बेटी को सांस लेने में परेशानी हो रही है। इसलिए आक्सीजन सिलेण्डर एंव आक्सीजन देने के लिए प्रशिक्षित व्यक्ति की आवश्यकता है। जिस पर पुलिस ने एक बार फिर तत्काल कार्रवाई करते हुए आक्सीजन सप्लायर के साथ वार्ता कर एक प्राइवेट ऑक्सीजन एजेंसी के कर्मचारी को लेकर तत्काल उपरोक्त कॉलर के आवास पर जाकर ऑक्सीजन लगवाई गई। जिससे ऑक्सीजन की आवश्यकता वाले मरीज को राहत प्राप्त हुई है। 30 अप्रैल को एक बार फिर कोरोना पीड़ित परिवार द्वारा सूचना दी गई कि अब ऑक्सीजन से भी राहत नहीं मिल रही है, तबीयत अधिक बिगड़ गई है एवं करोना पॉजिटिव होने के कारण आस-पड़ोस से कोई मदद नहीं कर पा रहा है। सूचना पर कार्यवाही करते हुए चीता पुलिसकर्मी कोरोना पीड़ित बुजुर्ग व उनके परिवार की तत्काल सहायता हेतु कोविड19 से सुरक्षा के मानकों को पूरा करते हुए पीपीई किट पहनकर उनके निवास पर पहुंचे। जहां आस-पड़ोस के बहुत लोग मौजूद थे। मगर कोविड19 के डर से कोई भी सहायता करने हेतु उनके घर नहीं जा रहा था। एंबुलेंस में स्ट्रेचर की सुविधा न होने पर चीता पुलिस में नियुक्त कर्मचारियों द्वारा अपने स्वास्थ्य की परवाह न करते हुए कोरोना ग्रसित बुजुर्ग को आवास के प्रथम तल से गोद में उठाकर एंबुलेंस तक लाया गया एवं एम्स अस्पताल में इलाज हेतु भर्ती कराया गया। जहां तत्काल उनको चिकित्सीय सुविधा प्राप्त हुई और वर्तमान समय में उनका स्वास्थ्य सही है।

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