बीते दिनों देहरादून आरटीओ ऑफिस को लेकर सोशल मीडिया में एक स्थानांतरण पत्र वायरल हो रहा था ,जिसमें लिखा था कि आरटीओ देहरादून का ट्रांसफर परिवहन आयुक्त मुख्यालय में कर दिया गया है. मामला सामने आया तो परिवहन विभाग से लेकर शासन तक में हड़कंप मच गया था ,क्योंकि शासन ने इससे संबंधित कोई आदेश जारी नहीं किया था, और स्थानांतरण पत्र को फर्जी बताया था। जिसके बाद देहरादून आरटीओ दिनेश चंद्र पठोई देहरादून कोतवाली जाकर मुकदमें की तहरीर दी थी ,जिसका दून पुलिस ने अब खुलासा कर दिया है।आरटीओ में फर्जी स्थानांतरण पत्र जारी करने के मामले में पुलिस ने फर्जी पत्र भेजने के आरोप में प्रॉपर्टी डीलर को गिरफ्तार किया है। देहरादून पुलिस के अनुसार परिवहन उपायुक्त को आरटीओ का चार्ज दिलाने का झांसा प्रॉपर्टी डीलर ने अपनी राजनैतिक पहुंच का हवाला देकर दिया था।डीआईजी अरुण मोहन जोशी ने बताया कि 26 जून को देहरादून संभागीय परिवहन अधिकारी का फर्जी स्थानांतरण पत्र सोशल मीडिया में वायरल होकर अफसरों तक पहुंचा था। इस मामले में संभागीय परिवहन अधिकारी दिनेश पठोई ने शहर कोतवाली में 26 जून को अज्ञात में मुकदमा दर्ज कराया था।डीआईजी ने बताया कि मामले में गठित एसआईटी ने कर्मचारियों और अफसरों के बयान दर्ज किए।आरटीओ कार्यालय में तैनात प्रशासनिक अधिकारी को यह संदेश परिवहन आयुक्त ने भेजा था जो उन्हें कुलवीर सिंह पुत्र कुंवरसिंह निवासी कैनाल रोड आर्यनगर ने भेजा था,जो कि लंबे समय से उपायुक्त से संपर्क में था,जिसने कि फर्जी स्थानांतरण पत्र तैयार कर उपायुक्त को भेजा था और उसकी अफसरों और नेताओं के नाम पर रुपये लेने की योजना थी। पुलिस ने बताया आरोपी के बारे में विस्तृत जांच जारी है।