हाईकोर्ट ने समाज कल्याण छात्रवृत्ति घोटाला मामले में सोमवार को सुनवाई की। मामले में कोर्ट ने वित्तीय अनियमितता से लेकर फर्जी आय प्रमाण पत्र बनवाकर लाभ लेने के समस्त मामलों की जांच एसआईटी को सौंप दी है। अब तक इसकी जांच विजिलेंस द्वारा की जा रही थी। सरकार ने फिर साफ किया है कि घोटाले की जांच छह माह में पूरी कर दी जाएगी।
सोमवार को कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति रवि कुमार मलिमथ व न्यायमूर्ति रमेश खुल्बे की खंडपीठ में देहरादून निवासी सुभाष नौटियाल व एसके सिंह की याचिकाओं पर सुनवाई हुई। जिसमें कहा गया था कि जौनसार भाबर इलाके में एससीएसटी के अफसरों ने अपने पाल्यों के ढाई लाख सालाना से कम वाले आय प्रमाण पत्र बनवाकर छात्रवृत्ति का लाभ ले लिया। विजिलेंस इस मामले में दस एफआईआर दर्ज कर चुकी है। यहां तक की टिहरी जिले में बच्चों की आय के आधार पर छात्रवृत्ति दे दी गई जबकि आय बच्चों नहीं , उनके अभिभावकों की होती है। खंडपीठ ने मामले को सुनने के बाद सभी मामलों की एसआईटी से जांच का आदेश पारित करते हुए अगली सुनवाई अगले सोमवार के लिए नियत कर दी।