नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने आर्थिक तंगी के कारण विषाक्त प्रदार्थ खाकर युवक की मौत मामले में सरकार पर साधा निशाना

कोरोना महामारी के कारण लागू लॉकडाउन में नौकरी छूटने के कारण आर्थिक तंगी झेल रहे युवक ने कल बीते दिन अपने बच्चों को विषाक्त प्रदार्थ दिया था और साथ मे खुद भी जहर घटक लिया था। इतना ही नहीं घर के बाहर मवेशियां मरे मिले, उन्हें भी जहर दिए जाने की आशंका है। वहीं अब खबर है कि बच्चों के साथ खुदकुशी करने वाले महिपाल सिंह की इलाज के दौरान मौत हो गई है,जबकि बच्चों की हालत अब भी गंभीर बनी हुई है।वहीं अब मामले में नेता प्रतिपक्ष इंदिरा हृदयेश ने प्रदेश सरकार पर जमकर हमला बोला है, उन्होंने कहा कि प्रवासियों द्वारा बेरोजगारी और आर्थिक रूप से परेशान होने के बाद इस तरह के कदम उठाए जा रहे हैं, इस पर सरकार को सोचना चाहिए कि आखिर ऐसा क्यों हो रहा है?

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि जिलाधिकारी को मामले का संज्ञान लेना चाहिए, साथ ही कोरोना काल में कोई बेरोजगार या प्रवासी परेशान होकर भूखा तो नहीं सो रहा है।आखिर ऐसे हालात क्यों पैदा हो रहे है? उन्होंने आगे कहा कि आखिर सरकार की योजनाएं क्या कर रही हैं, जबकि सरकार प्रवासियों के लिए कई दावे कर रही है।

बता दें मामला अल्मोड़ा जिले के सराय खेत का है , जहां महिपाल सिंह ने कल देर रात अपनी 9 वर्षीय बेटी हिमांशी और 12 वर्षीय बेटे यशपाल और 13 वर्षीय बेटे हंसपाल को जहरीला पदार्थ खिलाने के बाद खुद भी और अपने दोनों बैलों बताया जा रहा है को भी विषाक्त पदार्थ खिला दिया बताया जा रहा है, जिससे बैलों की मौत हो गई है घटना की जानकारी मिलते ही परिजनों व ग्रामीणों ने चारों को रामनगर के संयुक्त चिकित्सालय में भर्ती कराया और हालत बिगड़ने पर उन्हें हल्द्वानी के बेस अस्पताल भर्ती कराया गया है जहां महिपाल सिंह की मौत हो चुकी है वहीं बच्चों की हालत अभी नाजुक बताई जा रही है।

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