उत्तराखंड के गढ़वाल और कुमाऊँ में सांस्कृतिक,धार्मिक और ऐतिहासिक रूप से प्रसिद्ध ईष्टदेवी मां नंदा देवी की वार्षिक लोकजात्रा का आज से शुभारंभ हो गया है। नंदा देवी की डोली चमोली जिले के कुरुड़ से वेदिनी के लिए आज प्रस्थान करेगी।
इस बार यात्रा में कोविड के कारण सीमित लोग ही यात्रा में शामिल हो पाएंगे।कोरोना महामारी को देखते हुये प्रशासन ने डोलियों के साथ यात्रा में 10 लोगों के शामिल होने की अनुमति दी है।नन्दा देवी लोकजात्रा के बाबत उत्तराखंड के मुख्यमंत्री त्रिवेन्द्र सिंह रावत ने अपने फेसबुक से पोस्ट कर लिखा है ,गढ़-कुमाऊं की ईष्टदेवी मां नंदा देवी की वार्षिक लोकजात्रा का आज शुभारंभ हो गया है। मां नंदा देवी की डोली कुरुड़ से वेदिनी के लिए आज प्रस्थान करेगी। कोरोना के चलते सीमित लोग ही यात्रा में शामिल हो पाएंगे, कोविड-19 के चलते सभी श्रद्धालुओं से निवेदन है कि इस महामारी से बचाव के सभी नियमों का अवश्य अनुपालन करें। मां नंदा देवी कोरोना के इस संकट काल से सभी को बाहर निकालें और प्रदेश में सुख समृद्धि दें, ऐसी कामना करता हूं।
बता दें,नन्दा देवी लोकजात्रा सबसे ऊंचे और निर्जन पड़ावों पर करीब 13000 फीट पर स्थित वेदनी बुग्याल पहुंचती है, इस यात्रा में करीब 240 किमी का सफर 20 दिनों में तय किया जाता है। इस यात्रा में 365 गाँव जुड़े होते हैं और बीस दिन की यात्रा में बीस दिन का रात्रि विश्राम होता है। 20 दिवसीय 280 किमी की इस ऐतिहासिक यात्रा को गढ़वाल-कुमाऊं की सांस्कृतिक मिलन का प्रतीक भी माना जाता है।