आज यानी शुक्रवार को देहरादून कचहरी में उस वक्त हड़कंप मच गया जब वरिष्ठ राज्य आंदोलनकारी भरोसी लाल सकलानी ने ख़ुद को शहीद स्मारक के भीतर क़ैद कर पैट्रोल डालकर आत्मदाह करने की कोशिश की। ये देख वहां आस पास अफरा-तफरी मच गई। वहां मौके पर मौजूद लोगों ने इसकी सूचना पुलिस को दी। मौके पर पुलिस पहुंची और कड़ी मशक्कत के बाद आंदोलनकारी को शहीद स्मारक से बाहर निकाला। बता दें कि राज्य आंदोलनकारियों की स्मृतियों का स्थायी संग्रहालय और उत्तराखंड के इतिहास को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने की मांग को लेकर उन्होंने ये कदम उठाया। मिली जानकारी के अनुसार ये मामला सुबह करीबन 10:40 का है जब आन्दोलनकरी बीएल सकलानी शहीद स्मारक में बने मंदिर में दीये जलाने के बहाने पहुंचे और खुद को उसमें बंद कर दिया। वहीं सूचना पाकर मौके पर पुलिस पहुंची और पानी की बौछारें की। सुबह करीबना 11 बजे कटर से ताला को काटकर उन्हें बाहर निकाला गया। तब जाकर पुलिस ने राहत की सांस ली। वहीं बाहर निकलने के बाद बीएल सकलानी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार उनकी मदद नहीं कर रही है जबकि उन्होंने खुद का अस्थायी संग्रहालय बनाया है, लेकिन इसके बाद भी उसके संरक्षण के लिए सरकार भवन तक नहीं बना रही है। उनका कहना है कि आने वाली पीढ़ी के लिए आन्दोलनकारी और शहीदों की निशानी को सुरक्षित रखना जरुरी है जिसके लिए वो स्थायी संग्रहालय बनाने की मांग कर रहे हैं। उनका कहना है कि उनकी मांगों पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है।