उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में धर्म परिवर्तन के मामले में लड़की, लड़का और निकाह कराने वाले काजी समेत चार के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया है। उत्तराखंड धर्म स्वतंत्रता अधिनियम बनने के बाद से उत्तराखंड का यह पहला मामला है। जिसके बाद अब पटेलनगर कोतवाली में दर्ज इस मुकदमे में जांच शुरू कर दी गई है।
पटेलनगर थाना प्रभारी प्रदीप राणा ने बताया कि पिछले दिनों नयागांव पटेलनगर निवासी युवक ने हाईकोर्ट में अपनी सुरक्षा के लिए याचिका दायर की थी। इस मामले में हाईकोर्ट ने संज्ञान लिया और जिलाधिकारी देहरादून को जांच कराने के आदेश दिए हैं।जिसके बाद अब जांच में यह बात सामने आयी है कि युवक की डेढ़ साल पहले सीमाद्वार वसंत विहार निवासी एक युवती के साथ ट्यूशन के दौरान जान पहचान हुई थी।
यह युवती मूल रूप से रुद्रप्रयाग जिले की रहने वाली है। दोनों बालिग थे, लिहाजा दोनों ने निकाह करने का फैसला कर लिया। इसके लिए वे सबसे पहले काजी के पास गए, जिसने युवती का धर्म परिवर्तन कराकर नाम कुछ और रख दिया था। इसके बाद 26 सितंबर 2020 को युवक के फूफा की मौजूदगी में निकाह करा दिया गया था। लेकिन अब जो बात निकलकर सामने आ रही है वह ये कि इन्होंने धर्म परिवर्तन के लिए धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम 2018 का पालन नहीं किया है। जबकि, धर्म परिवर्तन के लिए उन्हें एक माह पूर्व प्रशासन को अवगत कराना चाहिए था। पूरी तरह से इस मामले में सभी चारों की गलती सामने आई। इस प्रकरण में चारों के खिलाफ धार्मिक स्वतंत्रता अधिनियम के तहत मुकदमा दर्ज कर लिया गया है।