कोरोना जांच रिपोर्ट में प्राइवेट लैब की ओर से की जा रही
गड़बड़ी को लेकर जिला प्रशासन सख्त नजर आ रहा है। मुख्य सचिव की अध्यक्षता में हुई स्वास्थ्य विभाग की वीसी (वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग) में जिलाधिकारी को निर्देश दिए गए थे कि शहर की सभी प्राइवेट लैब की जांच की जाए। जिसके बाद जिलाधिकारी ने सभी प्राइवेट लैब की जांच के लिए सीडीओ की अध्यक्षता में 4 सदस्य की एक कमेटी बना दी है, जो सात दिन में जांच कर अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपेगी।सीडीओ नितिका खंडेलवाल ने बताया कि प्राइवेट लैब से लगातार डेटा सही न आने की शिकायत मिल रही थी। जिस कारण लोगों को सर्विलांस करना मुश्किल हो रहा है,ऐसे में मुख्य सचिव के निर्देश पर जिलाधिकारी ने एक कमेटी बनाई है, जो प्राइवेट लैब की जांच करेगी और अपनी रिपोर्ट जिलाधिकारी को सौंपेगी। कोरोना के मरीजों का आंकड़ा बढ़ते देख जिला प्रशासन ने प्राइवेट लैब को सैंपलिंग की जिम्मेदारी सौंपी थी। जिससे लोगों को ज्यादा परेशानी न हो, लेकिन प्राइवेट लैबों की शिकायत मिलने के बाद प्रशासन हरकत में आया है।