उत्तर 24 परगना पश्चिम बंगाल 4 सितम्बर। तरुण मोहन (विशेष संवाददाता)। उत्तर 24 परगना के पल्टा स्टेशन पर ट्रेन पर चढ़ते समय वह लाइन पर गिर गये. दो पैर शरीर से अलग हो गए। फिर लगातार तीन महीनों तक आर.जी. मेडिकल में जीवन और मृत्यु का संघर्ष चला। हालाँकि वह बच गईं, लेकिन कॉलेज की द्वितीय वर्ष की छात्रा सुनीता वर्मा ने चलने की क्षमता हमेशा के लिए खो दी। कॉलेज नहीं जा सकी,,, वह हर समय घर पर ही रहती थी। वह लगातार रोटी रहती थी कि अब उसका क्या होगा। विगत दिवस मंगलवार को उस सुनीता के चेहरे पर गहरी मुस्कान थी। वह फिर से चल फिर सकती है।
कुछ ही दिनों में सुनीता कॉलेज जा सकेगी। काल अर्थात् r सितंबर को पूर्वी मेदिनीपुर के कोलाघाट में खरदह की एक संस्था के पदाधिकारी कृष्णेंदु भट्टाचार्य के हाथों सुनीता के दो कृत्रिम पैरों को सफलतापूर्वक बदला गया, इसके बाद उसको कुछ कदम स्वच्छता ही चलने के लिए कहा गया जिसे उसने सफलतापूर्वक पूरा किया अब आशा है कि सुनीता अपना कॉलेज जाना एवं दिनचर्या का काम स्वयं अपने नए पैरों पर पूरा कर पाएगी।