देहरादून, 15 फरवरी। राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण के अंतर्गत अब राज्य कर्मचारियों एवं पेंशनर्स को एलोफैथी के साथ-साथ आयुर्वेदिक पद्धति से उपचार कराने की सुविधा भी मिलेगी। इसके साथ ही गोल्डन कार्ड धारकों हेतु चिकित्सा प्रतिपूर्ति की सुविधा को शीघ्र ही ऑनलाइन एवं समयबद्ध किया जायेगा।
स्वास्थ्य मंत्री डॉ0 धन सिंह रावत ने आज विधानसभा स्थित सभाकक्ष में स्वास्थ्य विभाग के अंतर्गत राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की समीक्षा बैठक ली। बैठक में निर्णय लिया गया कि राज्य सरकार के कर्मचारियों एवं पेंशनर्स को एलोपैथी के साथ-साथ आयुर्वेदिक पद्धति से उपचार के बिलों का चिकित्सा प्रतिपूर्ति दिया जायेगा। प्रथम चरण में गोल्डन कार्ड धारकों को आयुष उपचार से संबंधी दवा एवं जांच के बिलों का ही प्रतिपूर्ति दिया जायेगा। इसके लिये विभागीय अधिकारियों को समबद्धता सुनिश्चित करने के साथ ही एक माह के भीतर ऑनलाइन सिस्टम विकसित करने के निर्देश दे दिये गये हैं। इस व्यवस्था के अंतर्गत गोल्डन कार्ड धारकों के प्रतिपूर्ति दावों के परीक्षण के स्तर को कम कर बिलों के भुगतान हेतु कार्मिक के मूल विभाग सहित स्वास्थ्य विभाग व डीडीओ तक समय सीमा निर्धारित कर दी जायेगी, ताकि कार्मिकों को समय पर चिकित्सा प्रतिपूर्ति का लाभ मिल सके और उन्हें अन्यत्र भटकना न पड़े। बैठक में गोल्डन कार्ड धारकों को ओपीडी की कैशलेस सुविधा उपलब्ध कराये जाने पर भी चर्चा हुई, जिस पर अंतिम निर्णय के लिये शीघ्र ही स्वास्थ्य मंत्री की अध्यक्षता में एक उच्च स्तरीय बैठक आयोजित की जायेगी जिसमें मुख्य सचिव सहित वित्त विभाग के अधिकारी भी प्रतिभाग करेंगे। विभागीय मंत्री ने बताया कि राजकीय पेंशनर्स को गोल्डन कार्ड की सुविधा चाहे या नहीं इस व्यवस्था को उच्च न्यायालय के दिशा निर्देश पर पूर्व में ही स्वैच्छिक कर दिया गया है।
बैठक में अपर सचिव आयुष डॉ0 विजय कुमार जोगदंडे, अपर सचिव चिकित्सा शिक्षा एवं सीईओ राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण अरूणेन्द्र सिंह चौहान, अपर सचिव स्वास्थ्य अमनदीप कौर, अपर सचिव वित्त अमिता जोशी, महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ0 विनीता शाह, निदेशक आयुष डॉ0 अमन कुमार त्रिपाठी, उप सचिव आयुष गजेन्द्र सिंह कफलिया, अपर निदेशक स्वास्थ्य डॉ0 मीतू शाह, अनु सचिव स्वास्थ्य जसविंदर कौर, अतुल जोशी सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।