गन्ना किसान संस्थान एवं प्रशिक्षण केंद्र काशीपुर द्वारा किच्छा परिक्षेत्र के ग्राम पूरनपुर, रतनपुर में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया ।

काशीपुर 14 अक्टूबर। गन्ना किसान संस्थान एवं प्रशिक्षण केंद्र काशीपुर द्वारा किच्छा परिक्षेत्र के ग्राम पूरनपुर, रतनपुर में एक गोष्ठी का आयोजन किया गया ! गोष्टी को संबोधित करते हुए गन्ना विभाग के प्रचार एवं जनसंपर्क अधिकारी श्री निलेश कुमार ने बताया कि अक्टूबर शोइंग जारी है !गन्ना किसान अपनी खेती की अच्छी सी तैयारी कर ले! प्रत्येक कृषक को नवीनतम तकनीक के आधार पर गना की कृषि की जानी चाहिए !हमें अपनी भूमि की जांच करानी चाहिए! भूमि में 16 प्रकार के सूक्ष्म पोषक तत्व पाए जाते हैं ! अतः जांच करने पर हमें पता चलेगा कि हमारी भूमि में कौन सी तत्व की कमी है तथा उसकी पूर्ति करने से हमारे जमीन की गुणवत्ता में वृद्धि होगी! इस गोष्ठी का उद्देश्य गना कृषकों को उन्नत प्रजाति की गना बीज की जानकारी, गन्ने की फसल में लगने वाली तरह-तरह के बीमारियों तथा उसमें प्रयोग की जाने वाली दवाईयां तथा उनको गन्ने की वैज्ञानिक विधि से कृषि कैसे करें जिससे की प्रति हैक्टेयर उत्पादकता बढ़े इसकी जानकारी कृषकों को प्रदान करना है ! उन्होंने बताया कि इस वर्ष जारी सट्टा नीति में पूर्व में लगने वाली ₹5 पेनल्टी जो अतिरिक्त सट्टा पर लगाया जाता था ,को समाप्त कर दिया गया है! साथ ही छोटे कृषकों को सुविधा देते हुए सप्लाई का लाभ दिए जाने हेतु पखवारो की संख्या को 6 तक सीमित कर दिया गया है! गना शोध परिषद के वैज्ञानिकों द्वारा उन्हें इस संबंध में वार्ता कर इस संबंध में जानकारी प्रदान की जाती है !इस गोष्ठी में प्रतिभाग करते हुए गन्ना शोध परिषद के वैज्ञानिक अधिकारियों द्वारा बताया गया कि वर्तमान में 15023. 0118 14201 जैसी उन्नतशील प्रजातियां है जिनको गना कृषकों को प्रोत्साहित करना चाहिए! वर्तमान में 0238 रेड रोड की चपेट में आने की संभावना है! अतः कृषकों को चाहिए कि वह इसका रिप्लेस करें! वैज्ञानिकों ने गने में आने वाली विभिन्न बीमारियों ,उसकी रोकथाम तथा उसकी दवाइयां के बारे में भी जानकारी दी! इस गोष्ठी में प्रचार एवं जनसंपर्क अधिकारी निलेश कुमार, श्री प्रमोद कुमार ,श्री सिद्धार्थ कश्यप तथा गन्ना विभाग के अधिकारी तथा कर्मचारी और क्षेत्र के प्रगतिशील कृषक श्री कुलवंत सिंह, श्री सुखविंदर सिंह, श्री स्वर्ण सिंह, श्री महेंद्र दीगाड़ी सहित बड़ी मात्रा में कृषक उपस्थित रहे!

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