वर्तमान में ऑनलाइन व्यापार के चलन बढ़ने के कारण कुछ आपराधिक तत्वों ने इसे ठगी द्वारा पैसे कमाने का एक जरिया बना दिया है। ऐसी ही एक गिरोह , जो खुद को फौजी बताकर ओएलएक्स के जरिये ठगी करते थे, उसके चार सदस्यों को देहरादून की पुलिस ने राजस्थान से गिरफ्तार किया है। आरोपितों के पास से 23 फर्जी आर्मी कैंटीन कार्ड, 45 फर्जी आधार कार्ड, आठ फर्जी आर्मी आइ कार्ड, 42 पैन कार्ड और 45 हजार की नकदी मिली है। इस गिरोह ने हाल के दिनों में नेहरू कॉलोनी के एक शख्स को सोफा खरीदने और हरियाणा के एक व्यक्ति को कार बेचने के नाम पर ठगा था।
पुलिस के अनुसार, नेहरू कॉलोनी के देवांचल विहार में रहने वाले प्रेम सिंह धनाई ने पुराना सोफा बेचने के लिए ओएलएक्स पर विज्ञापन डाला था। इसके कुछ दिन बाद एक व्यक्ति ने उन्हें फोन किया और खुद को फौजी बताते हुए सोफा खरीदने की बात कही। सोफे की रकम उसने पेटीएम के माध्यम से सीधे बैंक खाते में भेजने का झांसा देकर प्रेम सिंह के मोबाइल पर आया ओटीपी पूछ लिया। इसके कुछ देर बाद प्रेम सिंह के खाते से 34 हजार रुपये निकल गए।
इसी तरह बीती 31 अगस्त को करनाल (हरियाणा) के रहने वाले प्रिंस कुमार ने राजपुर थाना पुलिस से शिकायत की थी कि उन्होंने ओएलएक्स पर एक ऑल्टो को बेचने का विज्ञापन देखा। उसमें दिए गए मोबाइल नंबर पर उन्होंने संपर्क किया तो आरोपित ने अपना नाम गोपाल कृष्ण शेखर बताते हुए खुद को फौज में तैनात बताया। उसका कहना था कि वह देहरादून कैंट में तैनात है। आरोपित ने प्रिंस को विश्वास में लेने के लिए आर्मी का कार्ड भी दिखाया। कार का सौदा होने पर प्रिंस ने उसे ऑनलाइन 26 हजार रुपये भेज दिए, मगर बाद में पता चला कि वह ठगी का शिकार हो गया है। दोनों मामलों में जांच के दौरान पुलिस टीम को आरोपितों के मोबाइल नंबर की लोकेशन भरतपुर (राजस्थान) में मिली। बीती पांच सितंबर को टीम भरतपुर के लिए रवाना हुई। वहां पता चला कि अरबाज खान नामक व्यक्ति गिरोह बनाकर ऐसी वारदातों को अंजाम दे रहा है। मंगलवार को पुलिस ने अरबाज को उसके तीन साथियों तालीम खान पुत्र नजीर अहमद, अफरोज और तालीम खान पुत्र जाकिर हुसैन के साथ गिरफ्तार कर लिया। सभी भरतपुर राजस्थान के रहने वाले हैं। आरोपितों ने कई फर्जी फेसबुक आइडी और पेटीएम आइडी बना रखी थीं। आरोपितों ने बताया कि इस तरह वह अब तक करीब तीन सौ व्यक्तियों से ठगी कर चुके हैं।