देहरादून : प्रदेश सरकार आज बुधवार को लॉकडाउन पर फैसला ले सकती है। कई मंत्री अब खुले रूप से इसकी हिमायत भी कर रहे हैं। इन मंत्रियों की ओर से बुधवार को मुख्यमंत्री से बात की जाएगी।
केंद्र सरकार ने पूरे राज्य में लॉकडाउन की पैरवी तो नहीं की, लेकिन राज्यों से कहा है कि वे 10 फीसदी से अधिक संक्रमण दर वाले जिलों में लॉकडाउन पर विचार कर सकते हैं। प्रदेश में अधिकतर जिलों में संक्रमण दर 10 फीसदी से अधिक ही है। कोविड कर्फ्यू के बाद भी कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए प्रदेश सरकार अब सख्त फैसला करने को विवश हो सकती है।
दूसरी ओर प्रदेश के कुछ मंत्री अब लॉकडाउन के पक्ष में खुलकर बोल रहे हैं। वन मंत्री हरक सिंह का कहना है कि प्रदेश में हालात सुधर नहीं रहे हैं। कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए अब सख्त कदम उठाए जाने चाहिए। हरक सिंह का समर्थन कई और मंत्री भी कर रहे हैं।
शासकीय प्रवक्ता सुबोध उनियाल के मुताबिक बुधवार को इस मामले को लेकर बैठक बुलाई गई है। बैठक में मुख्यमंत्री तीरथ सिंह रावत और अन्य मंत्री भी शामिल होंगे। प्रदेश की स्थिति को देखते हुए फैसला किया जाएगा।
मंत्री कर चुके हैं लॉकडाउन की पैरवी
कोरोना संक्रमण के मामले अब तेजी से बढ़ रहे हैं और इसी हिसाब से स्वास्थ्य विभाग पर दबाव भी बढ़ता जा रहा है। सरकार की परेशानी यह है कि संक्रमण बढ़ने के कारण इंतजाम करना भी मुश्किल होता जा रहा है। पिछली कैबिनेट से पहले भी मंत्रियों की और से लॉकडाउन की पैरवी की गई थी। मुख्यमंत्री ने उस समय कोविड कर्फ्यू पर भरोसा जताया था।
सख्त कदम उठाए सरकार : हरीश रावत
उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव हरीश रावत ने भी सरकार से कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए सख्त कदम उठाने की मांग की है। हरीश रावत ने कहा कि अब कोरोना की तीसरी लहर की बात की जा रही है। यह और भी खतरनाक साबित हो सकती है। सरकार को कोरोना संक्रमण को रोकने के लिए सख्त से सख्त कदम उठाने चाहिए।
कर्मचारी संगठनों ने की 15 दिन के सख्त लॉकडाउन की मांग
प्रदेश में लगातार बढ़ते जा रहे कोरोना संक्रमण के बीच अब कर्मचारी संगठन 15 दिन के सख्त लॉकडाउन के पक्ष में खड़े हो गए हैं। मंगलवार को भी तीन संगठनों ने इस संबंध में मुख्यमंत्री के सामने मांगें रखीं। सभी का कहना था कि इस मुश्किल वक्त में कोरोना चेन को तोड़ने के लिए लॉकडाउन की भारी दरकार है।
सचिवालय संघ ने कहा, 15 दिन का लॉकडाउन जरूरी
उत्तराखंड सचिवालय संघ के अध्यक्ष दीपक जोशी, महासचिव विमल जोशी ने मुख्यमंत्री को ज्ञापन भेजकर कहा कि राज्य में कोरोना का प्रकोप बढ़ता जा रहा है। राज्य सरकार के हरसंभव प्रयास के बाद भी कोरोना पीड़ितों की संख्या घटने का नाम नहीं ले रही है। प्रदेश का कार्मिक वर्ग हो या आम जनमानस, हर घर में कोई न कोई कोरोना से ग्रसित होता जा रहा है।
प्रदेश के वरिष्ठ अधिकारियों, कार्मिकों, उनके परिवार के सदस्यों की मन:स्थिति तथा आम जनमानस से प्राप्त फीडबैक, भावनाओं के अनुरूप प्रदेश के सभी नागरिकों के स्वास्थ्य एवं जीवन रक्षा के हित में कोरोना की चेन को तोड़ने का एकमात्र विकल्प 15 दिन का संपूर्ण लॉकडाउन ही है। उन्होंने मांग की है कि इसी अनुरूप सभी कार्यालय इकाईयों को भी बंद किया जाए और वर्क फ्रॉम होम की व्यवस्था के हिसाब से काम किए जाए।
कर्मचारी संयुक्त परिषद ने भी की लॉकडाउन की मांग
राज्य कर्मचारी संयुक्त परिषद ने मंगलवार को आपात वर्चुअल बैठक बुलाई। बैठक में तय किया गया कि राज्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए सरकार व प्रशासन से कम से कम 15 दिन के लिए सभी कार्यालय बंद करने की मांग की जाए। सरकार से मांग की कि 15 दिन का सख्त लॉकडाउन लगाया जाए। कहा गया कि खतरे के बीच कर्मचारियों को उपस्थित होने के लिए बाध्य किया जा रहा है।
बैठक में गोल्डन कार्ड का लाभ न मिलने पर भी नाराजगी जताई गई। मांग की गई कि राज्य के उन कार्मिकों को 50 लाख के बीमे का कवर प्रदान किया जाए, जोकि आवश्यक सेवा में लगे हैं। राज्यकर्मियों को प्राथमिकता से टीका लगाने की भी मांग की गई। बैठक में ठाकुर प्रह्लाद सिंह, पीके शर्मा ,अरुण पांडे, एसपी भट्ट, कुंवर सामंत, हर्ष मोहन सिंह नेगी, बहादुर सिंह बिष्ट, मोहन जोशी, गिरजेश कांडपाल, तनवीर अहमद, बाबू खान, ओमवीर सिंह आदि मौजूद रहे।
मोर्चा ने की 14 दिन लॉकडाउन की मांग
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने भी उत्तराखंड सहित पूरे देश में 14 दिन के संपूर्ण लॉकडाउन की मांग की है। मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष बीपी सिंह रावत ने कहा कि केंद्र एवं राज्य सरकार आंशिक रूप से लॉकडाउन का पालन करा रही है, जो वर्तमान स्थिति में कारगर साबित नहीं हो रही है। स्वास्थ्य संबंधी सुविधाएं उपलब्ध नहीं हो पा रही हैं।