रिपोर्ट : कमलेश कोटनाला( कोटद्वार)
पौड़ी गढ़वाल के कोटद्वार की देवीरोड़ पर मछी मार्केट के पास चार कौवों की मौत का मामला सामने आने के बाद पूरे क्षेत्र में हड़कंप मचा है। अन्य शहरों में भी बर्ड फ्लू के मामलों को देखते हुए प्रशासन अलर्ट हो गया है। टीम ने मौके पर पहुंच पर कौवों के शव को कब्जे में ले लिया है और उनके सैंपल जांच के लिए भोपाल भेज दिए हैं।
दरअसल शुक्रवार को देवीरोड़ पर मछी मार्केट के पास नाले में चार कौवों के शव स्थानीय लोगों ने दी। लोगों ने इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन और पशुपालन विभाग को दी। सूचना पर मौके पर उपजिलाधिकारी योगेश मेहरा, तहसीलदार विकास अवस्थी, पशु चिकित्साधिकारी कोटद्वार डॉ. बीएम गुप्ता टीम के साथ पहुुंचे। पशु चिकित्साधिकारी कोटद्वार डॉ. बीएम गुप्ता ने बताया कि मछी मार्केट के पास नाले में तीन कौवों के मरे होने की सूचना मिली। जिस पर कर्मचारियों को मौके पर भेजा गया। साथ ही इसकी सूचना स्थानीय प्रशासन और वन विभाग को दी गई। उन्होंने कहा कि जांच के बाद ही स्पष्ट हो पायेगा कि कौवों की मौत किस कारण से हुई है। वैसे तो बर्ड फ्लू वायरस का मनुष्य में फैलने की बहुत ही कम संभावना है। उपजिलाधिकारी योगेश मेहरा ने बताया कि वार्ड नंबर 16 सिताबपुर में कौवा प्रजाति के चार पक्षी मृत पाये गये है। पशुपालन, वन विभाग और राजस्व विभाग को निर्देशित किया गया है कि गाइड लाइन के अनुसार इन्हें बता दिया गया है कि पक्षी के शव को सील करके भोपाल मध्य प्रदेश स्थित लैब में भेजने की आवश्यक कार्यवाही की जा रही है। उन्होंने कहा कि जांच के बाद ही मौत के कारण के बारे में बताया जा सकता है।
समाजसेवी डॉ. पदमेश बुड़ाकोटी ने बताया कि देवीरोड़ स्थित नाले में चार कौवें मृत पाये गये। वर्तमान में पूरे देश में बर्ड फ्लू की शिकायतें मिल रही है। उत्तराखण्ड में तो अभी इस तरह के मामले सामने नहीं आये है, पड़ोसी राज्य हिमाचल में बड़े पैमाने पर कौवें मरे हुए पाये गये है। इसलिए सर्तक रहने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि जहां पर कौवें मरे हुए पाये गये है वहां पर मीट की दुकानें है, इसलिए हो सकता है कि कौवों की मौत बर्ड फ्लू से हो सकती है, इसलिए इसकी जांच की जानी चाहिए। यहां पर अधिक संख्या में चील और कौवें रहते है। बता दें कि वर्तमान में देश के कई राज्यों में बर्ड फ्लू फैला हुआ है। बर्ड फ्लू एक वायरल इंफेक्शन है जिसे एवियन इन्फ्लूएंजा भी कहते हैं, ये एक पक्षी से दूसरे पक्षियों में फैलता है।