मसूरी, 24 मार्च। प्रदेश के कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने शुक्रवार को मसूरी में एक निजी होटल में भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ द्वारा आयोजित मध्य क्षेत्र के राज्यों के लिए सहकारी विकास पर सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि कार्यक्रम में प्रतिभाग किया। कार्यक्रम का शुभारंभ मंत्री गणेश जोशी ने दीप प्रज्ज्वलित कर किया। सम्मलेन में उत्तराखण्ड सहित मध्य प्रदेश,उत्तर प्रदेश एवं छत्तीसगढ़, मणिपुर सहित विभिन्न राज्यों के अधिकारीगण एवं प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।
इस अवसर पर मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि कृषि के क्षेत्र में विपणन के लिए सहकारी समितियों का अहम योगदान है। मंत्री ने कहा आज सहकारी समितियों के माध्यम से प्रदेश में स्वयं सहायता समूहों की लाखो बहने लाभ ले रही है। देश में निजी एवं सार्वजनिक क्षेत्रों की बजाय सहकारिता क्षेत्र सर्वोपरि हैं। क्योंकि शायद ही कोई ऐसा सामाजिक क्षेत्र होगा, जहां सहकारिताएँ कार्यरत नहीं हैं। उन्होंने कहा भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ देश की राष्ट्रीय, राज्य और बहु-राज्यीय सहकारी समितियों का प्रतिनिधित्व करती हैं।वर्तमान में 8.5 लाख से अधिक सहकारी समितियां जो भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ के सहकारी संघ का हिस्सा हैं, जो देश भर के तीस करोड़ से अधिक आबादी के जीवन को स्पर्श करती हैं। मंत्री जोशी ने कहा भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (NCUI) देश में संपूर्ण सहकारी आंदोलन का प्रतिनिधित्व करने वाला शीर्षस्थ संगठन है।
उन्होंने कहा भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ (एनसीयूआई) देश में सहकारिता आंदोलन के शीर्षस्थ संगठन के रूप में कार्य कर रहा है। इसके अतिरिक्त भारतीय राष्ट्रीय सहकारी संघ द्वारा प्रशिक्षण कार्यक्रम और अन्य गतिविधियों हेतु शैक्षणिक संस्थानों के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए गए हैं ताकि सहकारिता से जुड़े सदस्यों और कार्मिको हेतु प्रशिक्षण कार्यक्रम की व्यवस्था की जा सकें। उन्होंने कहा स्वयं सहायता समूह को बढ़ावा देने के लिए एनसीयूआई हाट’ और इनक्युबेशन केंद्र की भी स्थापना की गई हैं। प्रदेश में ग्राम्य विकास के अधीन भी हमने इसी कर्ज पर रुरल इनक्युबेशन (आरबीआई) की स्थापना की तरफ कदम बढ़ाये हैं।
मंत्री जोशी ने कहा केन्द्र में नए सहकारिता मंत्रालय के गठन के बाद केन्द्रीय सहकारिता मंत्री अमित शाह के नेतृत्व में देश भर में सहकारिता पर बहुत शानदार कार्य हो रहा है। मंत्री जोशी ने कहा कि सहकारिता ही एक ऐसा मॉडल है जिसमें धन की शक्ति, बुद्धि की शक्ति और श्रम की शक्ति एक निश्चित उद्देश्य को लेकर एक दिशा में कार्य करती है और प्राप्त लाभांश को बराबर-बराबर बाटती है। इसी क्रम में सहकारी समितियों से संबंधित महत्वपूर्ण नीतिगत मुद्दों पर राष्ट्रीय, राज्य और क्षेत्रीय स्तरों पर भी सम्मेलन, सेमिनार एवं कार्यशालाएं आयोजित किए जा रहे हैं। मंत्री ने कहा इसी को ध्यान में रखते हुए मध्य जोनल क्षेत्रों के राज्यों हेतु जोनल सम्मेलन का आयोजन मसूरी, उत्तराखंड में किया जा रहा हैं जिसमे सभी हितधारकों से विस्तृत विचार विमर्श किया जाएगा और नीतिगत मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया जाएगा। मंत्री ने कहा निश्चित ही इस सम्मलेन के माध्यम से जो मंथन निकलकर आएगा। वह प्रदेश के सशक्त उत्तराखंड के बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।
इस अवसर पर अध्यक्ष भारतीय राष्ट्रीय महकारी संघ दिलीप संधणी, डा० चन्द्रपाल सिंह यादव, डा० सुनील कुमार सिंह, के. शिवदासन नामर, बिजेन्द्र सिंह श्री बी. एल. मीणा,आदित्य चौहान, डा० सुधीर महाजन, रेशम फेडरेशन अध्यक्ष अजीत चौधरी, मंडल अध्यक्ष राकेश रावत,मोहन पेटवाल, कुशाल राणा सहित कई लोग उपस्थित रहे।