कांग्रेस के वरिष्ठ नेता मोतीलाल वोरा का 93 साल की उम्र में निधन हो गया है। खराब सेहत की वजह से मोतीलाल वोरा को कल रात एस्कॉर्ट हॉस्पिटल में भर्ती करवाया गया था। कल ही उनका जन्मदिन था। लंबे समय तक कांग्रेस कोषाध्यक्ष रहे मोतीलाल वोरा मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री और उत्तरप्रदेश के राज्यपाल रह चुके हैं।
मोतीलाल वोरा के निधन पर कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने शोक जताया है। उन्होंने ट्वीट किया, ”वोरा जी एक सच्चे कांग्रेसी और शानदार इंसान थे। हम उन्हें काफी मिस करेंगे। उनके परिवार और दोस्तों के प्रति मेरा प्यार और संवेदनाएं।”
वर्ष 1972 में कांग्रेस के टिकट पर चुनाव जीतकर मध्यप्रदेश विधानसभा के सदस्य (विधायक) बने। इसके बाद वर्ष 1977 और फिर 1980 में भी लगातार चुनाव जीतकर विधायक निर्वाचित हुए। मध्यप्रदेश के तत्कालीन मुख्यमंत्री अर्जुन सिंह ने मोतीलाल वोरा को अपनी कैबिनेट में मंत्री बनाया। वोरा 13 मार्च 1985 को मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री बने। 13 फरवरी 1988 को इस पद से इस्तीफा दिया। मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देने के तत्काल बाद वोरा को राज्यसभा सदस्य बनाया गया।उसके एक दशक के भीतर ही वो गांधी परिवार के काफी करीब आ गए थे। उनकी कुशलता और एक दशक में मध्य प्रदेश में तीन बार चुनाव जीतना खास कारण थे। 1983 में इंदिरा गांधी सरकार में वोरा को कैबिनेट मंत्री बनाया गया था। उनको स्वास्थ्य, परिवार कल्याण और नागरिक उड्डयन मंत्रालय का दायित्व सौंपा गया। इंदिरा गांधी की हत्या के बाद 1985 में वोरा ने मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री का पद संभाला। इसके बाद राजीव गांधी सरकार में भी वोरा शामिल हुए, जब राज्यसभा के सदस्य के तौर पर उन्हें कैबिनेट मंत्री बनाया गया था।16 मई 1993 को उत्तरप्रदेश के राज्यपाल बनाए गए लेकिन वोरा 1998 में लोकसभा चुनाव जीत संसद पहुंचे। गांधी परिवार से नजदीकी और पार्टी का उनपर भरोसा कभी कम नहीं हुआ। कई पदों पर रहे। मोतीलाल वोरा पुराने दिग्गज राजनीतिकों में शुमार किए जाते रहे हैं और 50 सालों से कांग्रेस के साथ संगठन और सरकारों में जुड़े रहे हैं।