एक तरफ तो दुनिया के किसी भी देश में कोविड-19 की पूर्ण तरीके से रोकथाम अभी तक नहीं हो पाई है अपने अब एक और वायरस के संक्रमण में अपनी दस्तक दे दी है जिसको नाम है मंकीपॉक्स. इसको लेकर उत्तराखंड में भी अलर्ट जारी किया गया है। अब मंकी पॉक्स वायरस की पुष्टि हुई है। प्रदेश के सभी हॉस्पिटलों के ओपीडी में आने वाले मरीजों की स्क्रीनिंग के साथ ही लक्षण दिखने पर तुंरत उच्च स्तर पर रिपोर्ट करने को कहा गया है। स्वास्थ्य महानिदेशालय द्वारा जारी एडवाइजरी में प्राइवेट हॉस्पिटलों को भी मंकी पॉक्स के संदर्भ में अलर्ट जारी करते हुए निर्दश भी दिए गए हैं।उनसे कहा गया है कि किसी भी मरीज में मंकीपॉक्स के लक्षण दिखने पर इसकी जानकारी जिले के मुख्य चिकित्साधिकारी को सूचित करें। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग की सर्विलांस टीम को विदेशों से आने वाले व्यतियों पर कड़ी नजर रखने को कहा गया है, और वायरस से प्रभावित देशों से आने वाले लोगों पर विशेष फोकस करने के निर्देश दिए गए हैं।स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि जिन देशों में मंकी पॉक्स के मरीज मिले हैं वहां से यदि कोई आता है तो उन लोगों की स्क्रीनिंग भी कराई जाएगी। लक्षण दिखने पर आइसोलेट करने व उनके सैंपल जांच को पुणे की वायरोलॉजी लैब भेजने के निर्देश दिए गए हैं। महानिदेशक स्वास्थ्य डॉ. शैलजा भट्ट ने इस संदर्भ में सभी मुख्य चिकित्सा अधिकारीयों व मुख्य चिकित्सा अधीक्षकों को निर्देश भेज दिए हैं।मंकी पॉक्स का वायरस दुनिया के 20 देशों में अपने पांव पसार चुका है। अफ्रीकी देशों में पाई जाने वाली यह बीमारी यूरोप के साथ ही कई और देशों में भी पहुंच गया है। इसे देखते हुए डब्ल्यूएचओ और केंद्र सरकार भी अलर्ट और एडवाइजरी जारी कर चुके हैं। इस बीमारी में बुखार, शरीर में दर्द और थकान के लक्षण दिखाई देते हैं।उसके बाद मरीज की त्वचा पर गांठ दिखनी शुरू होती है। तीसरी स्टेज में हाथों, पैरों, चेहरे, मुंह या प्राइवेट पार्ट्स पर चकत्ते बनने लगते हैं। गंभीर होने पर दाने और चकत्ते बड़े हो जाते हैं और उनमें मवाद भरना शुरू हो जाता है।