केंद्र सरकार और किसानों के मध्य कृषि कानूनों को लेकर गतिरोध जारी है। किसानों को लगभग 2 महीने दिल्ली की तमाम सीमाओं पर होने वाले हैं, लेकिन स्थितियां पूर्व की तरह बनी हुई है, कोई हल अभी निकलता नहीं दिखाई दे रहा है।वहीं, पूरे देश से किसानों को समर्थन देने के लिए तमाम संगठन बड़ी भारी संख्या में दिल्ली की सीमाओं पर पहुंच रहे हैं। अगर उत्तराखंड राज्य की बात करें तो यहां भी अलग-अलग जगह के कई संगठन दिल्ली पहुंचकर किसानों को अपना समर्थन देने पहुंच रहे है। इसी बीच चकराता विधानसभा से एक ओर 72 लोगों का जत्था उत्तराखंड संवैधानिक अधिकार संरक्षण मंच के प्रदेश संयोजक दौलत कुंवर के नेतृत्व में किसान आंदोलन के लिए दिल्ली-गाजीपुर के रवाना हुआ है। जो कि किसान दिल्ली में होने वाली 26 जनवरी की ट्रैक्टर रैली में शामिल होगा।
मंच के प्रदेश संयोजक दौलत कुंवर ने बताया कि बहुत जल्दी जौनसार बावर के साथ-साथ विकासनगर विधानसभा, सहसपुर विधानसभा से भी सैकड़ों किसान गाजीपुर बॉर्डर और सिंधु बॉर्डर के लिए रवाना होंगे। उन्होंने मोदी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि जिस तरीके की तानाशाही मोदी सरकार दिखा रही है और आंदोलन को कुचलने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रही है।इससे किसान किसी भी कीमत पर डरने वाला और पीछे हटने वाला नहीं है।उनका कहना है कि किसान किसी भी कीमत पर अपना अधिकार लेकर रहेंगे। साथ ही तीनों काले कानूनों को जब तक केंद्र सरकार वापस नहीं लेगी, तब तक वापस किसान भी पीछे नहीं हटेंगे। चाहे हमें अपने प्राणों की आहुति क्यों न देनी पड़े।