उत्तराखंड के स्वास्थ्य सचिव अमित नेगी ने लक्षण रहित कोविड-19 संक्रमित रोगियों के होम-आइसोलेशन के बाबत दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। सचिव अमित नेगी द्वारा जारी आदेश में स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय भारत सरकार द्वारा 2 जुलाई 2020 को निर्गत दिशा निर्देशों एवं विचारोपरांत कोविड-19 संक्रमित ऐसे रोगियों को उनके अपने निवास स्थान में ही सेल्फ आइसोलेशन का विकल्प के लिए गाइडलाइन जारी की गई है।
गाइडलाइन्स के अनुसार होम आइसोलेशन की पात्रता के लिए व्यक्ति को उपचार करने वाले चिकित्सक द्वारा लक्षण रहित रोगी के रूप में चिन्हित किया गया हो।
सम्पूर्ण आइसोलेशन अवधि के दौरान देखभाल करने वाले व्यक्ति एवम संबंधित चिकित्सालय के मध्य संपर्क बनाए रखना होम आइसोलेशन की प्रमुख अनिवार्यता है।
24 घंटे रोगी की देखभाल के लिए एक व्यक्ति उपलब्ध हो।रोगी के निवास पर स्वयं को आइसोलेट करने एवम परिजनों को क्वारन्टीन करने की सुविधा उपलब्ध हो।वहीं घर मे रोगी के लिए शौचालय युक्त कक्ष और उसकी देखभाल करने वाले के लिए भी अतिरिक्त शौचालय युक्त कक्ष अनिवार्य रूप से होना चाहिए।दिशा- निर्देशों के अनुसार अगर घर में कोई अन्य व्यक्ति भी है तो उसके लिए भी एक न्यूनतम शौचालय कक्ष होना अनिवार्य है।
ऐसे रोगी जिनकी आयु 60 साल से अधिक और 10 साल से कम उम्र वाले, गर्भवतियों, एचआईवी-कैंसर-अंग प्रत्यारोपण वालों को होम आइसोलेशन की मंजूरी नहीं दी जाएगी।वहीं जिस घर में होम आइसोलेशन होना है,अगर वहां भी ऐसा ही समान मामला है,तो आइसोलेशन की इजाजत नहीं होगी।
देखभाल करने वाले व्यक्ति एवम रोगी के नजदीकी संपर्कों को प्रोटोकॉल और उपचार प्रदान करने वाले चिकित्सक के परामर्श अनुसार ही हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन प्रोफाईलेक्सिस लेनी होगी।
स्वास्थ्य विभाग के द्वारा विकसित आइसोलेशन एप्प को मरीच को डाउनलोड कर नियमित रूप से जानकारी भरनी होगी।
होम आइसोलेशन में 10 दिन गुजरने पर और 3 दिन तक लगातार बुखार न आने की सूरत में कोरोना समाप्त माना जाएगा। इसके बाद 7 दिनों तक घर पर ही उनके स्वास्थ्य का अनुश्रवण किया जाएगा। दोनों दौर गुजरने के बाद टेस्टिंग की जरूरत नहीं होगी।