द्वाराहाट के बीजेपी विधायक महेश नेगी पर शारीरिक शोषण का आरोप लगाने वाली पीड़िता अपनी गिरफ्तारी व एफआईआर को निरस्त करने को लेकर हाईकोर्ट पहुंच गई है। महिला के साथ साथ उसके दो अन्य सगे लोगों ने भी उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर उनके खिलाफ देहरादून के नेहरू काॅलोनी थाने में नौ अगस्त को दर्ज एफआईआर को निरस्त करने व अपनी गिरफ्तारी पर रोक लगाने की मांग की है । याची ने कहा है कि देहरादून पुलिस ने उनकी शिकायत तो दर्ज नहीं कि लेकिन उसके बाद विधायक की पत्नी द्वारा दी गई शिकायत को दबाव में दर्ज कर लिया। ऐसे में उनके खिलाफ दर्ज मुकदमे पर रोक लगाई जाए। न्यायमूर्ति रविन्द्र मैठाणी की एकलपीठ के सम्मुख विधायक के अधिवक्ता भी उपस्थित हुए जिन्होंने अपने तर्क रखे । एकलपीठ ने अब विधायक और महिला के बीच हुए व्हाट्स ऍप चैट की कॉपी मंगाते हुए एक सितंबर की तारीख तय की है।
मामले के अनुसार विधायक महेश नेगी की पत्नी रीता ने देहरादून के नेहरू कॉलोनी थाने में एफ.आई.आर.दर्ज कर कहा था कि द्वाराहाट में प्रीति और उसके परिजन उनके पड़ोस में रहते हैं और वो अन्य लोगों की तरह अपनी समस्याएं लेकर अक्सर आते हैं। प्रीति का आचरण ठीक नहीं है जिस कारण प्रीति का उनके घर में प्रवेश पर रोक लगा दी है। कहा गया है कि प्रीति ने भागकर शादी की और पति से न्यायालय में वाद चला।
प्रीति पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा गया है कि उसके कई लोगों से रिश्ते हैं और उनसे भी वो रुपये वसूल चुकी है। विधायक की पत्नी ने आरोप लगाया कि प्रीति ने उन्हें फोन कर कहा था कि वो महेश के बच्चे की माँ है और उनकी 5 करोड़ रुपये की मांग नहीं मांगी गई तो महेश नेगी का राजनीतिक करियर ठप कर देंगी और परिवार को भी बदनाम कर देंगी ।