उत्तराखंड सरकार ने अनलॉक-4 की नई गाइडलाइन जारी कर दी है, जिसमें बाहर से आने वाले लोगों के लिए कई रियायतें दी गई हैं,लेकिन कुछ शर्तें भी रखी गई हैं। उत्तराखंड आने वाले पर्यटकों को अब होटल या होम स्टे में कम से कम दो रात की बुकिंग करानी जरूरी होगी। आपको बता दें कि मुख्य सचिव ओम प्रकाश की ओर से जारी आदेश 21 सितंबर से लागू होंगे। मुख्य सचिव ओमप्रकाश द्वारा जारी नए दिशा-निर्देशों में कहा गया है कि रियायतें तो दी जा रही हैं लेकिन दूसरे राज्यों से उत्तराखंड में आने के लिए राज्य सरकार के पोर्टल https://smartcitydehradun.uk.gov.in पर यात्रा शुरू करने से पहले रजिस्ट्रेशन करना जरूरी होगा। रजिस्ट्रेशन के समय मांगे गए आवश्यक दस्तावेज भी पोर्टल पर अपलोड करने होंगे। सभी आगंतुकों के लिए मोबाइल फोन में आरोग्य सेतु एप डाउनलोड करना अनिवार्य होगा। उत्तराखंड बॉर्डर की चेक पोस्ट, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशनों तथा बॉर्डर के बस अड्डों पर सम्बन्धित जिला प्रशासन थर्मल स्क्रीनिंग की व्यवस्था करेगा। यदि जांच पड़ताल में किसी आगंतुक में कोरोना के संदिग्ध लक्षण पाए जाएंगे तो उसका एंटीजन टेस्ट किया जाएगा और अगर उसका टेस्ट पॉजिटिव आएगा तो उसे कोरोना मरीजों के लिए पहले से तय सभी दिशा-निर्देशों का अनुपालन करना होगा। जिनमें प्रथमदृष्ट्या कोरोना के कोई लक्षण नहीं मिलेंगे, वे लोग राज्य में शारीरिक दूरी तथा मास्क आदि की अनिवार्यता वाले नियमों का अनुपालन करते हुए कहीं भी घूम फिर सकते हैं।
क्वारंटाइन के लिए दिशा-निर्देश :
किसी खास उद्देश्य (कारोबार, उद्योग, परीक्षा तथा कामकाज आदि) से राज्य में 7 दिन से कम अवधि के लिए आने वाले सभी एसिम्टोमैटिक व्यक्तियों को अपने गंतव्य तक जाने की छूट होगी। उस दौरान अगर उन्हें कोरोना के लक्षण महसूस होते हैं तो स्थानीय स्वास्थ्य प्राधिकरण को इसकी सूचना तत्काल देने की अनिवार्यता होगी। रजिस्ट्रेशन कराते वक्त दर्ज किये जाने वाले आगंतुक के उत्तराखंड के पते का जिला प्रशासन औचक सत्यापन भी करेगा और गलत पाए जाने की दशा में महामारी अधिनियम के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी।
राज्य में लम्बे समय के लिए आने वाले (सेना एवं अर्धसैन्य बलों आदि) के लोग 10 दिन होम क्वरंटाइन या संस्थागत क्वारंटाइन में रहेंगे और अपने स्वास्थ्य की खुद निगरानी करेंगे। इस दौरान अगर उनमें कोरोना के कोई लक्षण विकसित होंगे तो नजदीकी स्वास्थ्य प्राधिकरण को इसकी सूचना देना अनिवार्य होगा। केंद्र और राज्य सरकार के मंत्रियों, सांसदों, विधायकों तथा सरकार एवं निगम तथा सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों के अधिकारियों और न्यायिक सेवा के अधिकारियों तथा न्यायाधीशों को सरकारी कामकाज के लिए उत्तराखंड में आवाजाही के दौरान क्वारंटाइन की बाध्यता से मुक्त रखा गया है लेकिन केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी अन्य सभी आवश्यक दिशा-निर्देशों का पालन करना अनिवार्य होगा।
उत्तराखंड के अधिकारी अगर दूसरे राज्य में 5 दिन से अधिक निवास करने के बाद लौटेंगे तो उन्हें भी कोरोना टेस्ट कराना होगा। अगर उत्तराखंड का कोई व्यक्ति दूसरे राज्य से 5 दिन की अवधि के बाद लौटता है और वह एसिम्प्टोमैटिक है तो उसे 10 होम क्वारंटाइन में रहना होगा। अगर कोई व्यक्ति 96 घंटे के भीतर जारी की गई कोरोना टेस्ट की निगेटिव रिपोर्ट (आरटीपीसीआर/ट्रूनेट/एंटीजन टेस्ट) के साथ यात्रा कर रहा है तो उसे कहीं भी आवाजाही की छूट होगी। उसे क्वारंटाइन नहीं किया जाएगा।
विदेश से उत्तराखंड में आने वाले प्रत्येक व्यक्ति को केंद्रीय गृह मंत्रालय के दिशा निर्देशों के अनुसार क्वारंटाइन किया जाएगा। राज्य में आने वाले पर्यटकों के लिए अपने ट्रासपोंर्ट का माध्यम भी राज्य के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन के समय दर्ज करना अनिवार्य होगा। आगंतुकों के लिए होटल या होम स्टे में कम से कम दो रात रुकने के आरक्षण की अनिवार्यता होगी। अगर पर्यटक के पास 96 घंटे के भीतर की जारी कोरोना निगेटिव रिपोर्ट नहीं होगी तो उसे उत्तराखंड की सीम मे दाखिल होने के समय सम्बन्धित चेक पोस्ट, एयरपोर्ट, रेलवे स्टेशन पर उपलब्ध परीक्षण केंद्र अथवा उत्तराखंड में आईसीएमआर की किसी भी मान्यता प्राप्त लैब में भुगतान करके अपना कोरोना टेस्ट कराने का विकल्प उपलब्ध होगा। इसके अलावा राज्य के सभी होटल भी प्राइवेट कोरोना टेस्ट लैब के साथ अनुबंध रखेंगे ताकि आने वाले पर्यटक का ठहराने से पहले उसका कोरोना टेस्ट करवाया जा सके। अगर कोरोना परीक्षण में पर्यटक पॉजिटिव पाया जाएगा तो होटल इसके बारे में जिला प्रशासन के अविलम्ब सूचित करेगा।
अंतर्जनपदीय आवाजाही के लिए भी रजिस्ट्रेशन जरूरी
उत्तराखंड के भीतर एक जिले से दूसरे जिले में आवाजाही के लिए भी राज्य सरकार के पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन करना अनिवार्य कर दिया गया है। 65 साल से अधिक उम्र के लोगों, गर्भवती महिलाओं, 10 साल से कम उम्र के बच्चों को घरों में ही रहने की सलाह दी गई है।
सख्ती के साथ नियमों का पालन
नए दिशा-निर्देशों में सभी आगंतुकों, पर्यटकों और राज्य में निवासरत लोगों से केंद्र और राज्य सरकार द्वारा समय-समय पर जारी दिशा-निर्देशों का सख्ती से पालन करने की अपेक्षा की गई है। इन दिशा-निर्देशों का उल्लंघन करने वालों के विरुद्ध डीएम एक्ट, 2005, एपिडमिक्स डिजीज एक्ट, 1987 की धारा 51 और 60 के अंतर्गत कठोर कार्रवाई की जाएगी।