पहाड़ के गांधी के नाम से विख्यात उत्तराखंड आंदोलन के प्रणेता स्व० इंद्रमणि बडोनी जी की 95वीं जयंती के अवसर पर आज उत्तराखंड क्रांति दल (उक्रांद) ने कचहरी रोड देहरादून स्थित दल के कार्यालय में उनको भावभीनी श्रद्धांजलि दी और उनके जन्मदिवस को संकल्प दिवस के रूप में मनाया।
स्व०बड़ोनी जी की प्रतिमा में दल के संरक्षक बी डी रतूड़ी के नेतृत्व में श्रद्धांजलि दी गयी। उक्रांद ने श्रद्धांजलि देते हुए गोष्ठी का भी आयोजन किया।वहीं, इस दौरान विशन कंडारी पूर्व जिला सह संयोजक सहकारिता प्रकोष्ठ टिहरी भाजपा,अमर सिंह धुंता आरटीआई एक्टिविस्ट और युवा दिगंबर सिंह ने उत्तराखंड क्रान्ति दल में शामिल हुए।
केंद्रीय प्रवक्ता सुनील ध्यानी ने कहा कि स्व० इंद्रमणि बडोनी जी की नेतृत्व की क्षमता, सवांद के द्वारा लोगो को पक्ष में करना, राज्य आंदोलन को अहिंसक रूप से अगुवाई करने के कारण ही पहाड़ के गांधी नाम से पुकारा गया। उनके जन्मदिवस को संस्कृति दिवस के रूप में सरकार मनाती है। संस्कृति दिवस का रूप मनाने का अर्थ है, कि वे एक कुशल रंगकर्मी थे। पांडव नृत्य और माधो सिंह भंडारी का मंचन की शुरुआत स्व०बड़ोनी जी ने आरम्भ किया था। पहला मंचन उन्होंने मलेथा से शुरू किया था। इन नाटकों का मंचन व कुशल निर्देशन उन्होंने 26 जनवरी 1957 में दिल्ली में किया था।
विदित हो कि स्व.इन्द्रमणि बडोनी का जन्म टिहरी रियायत के तत्कालीन जखोली ब्लाक के अखोड़ी गांव में 24 दिसम्बर 1925 को हुआ। वे 1956 में जखोली ब्लाक के पहले ब्लॉक प्रमुख बने ओर बाद में 1967 में निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर देवप्रयाग सीट से उत्तरप्रदेश विधानसभा के सदस्य बने। वे 1969 ओर पुनः 1977 में देवप्रयाग क्षेत्र से तीसरी बार विधान सभा पहुंचे और पर्वतीय विकास परिषद् के उपाध्यक्ष भी रहे। वर्ष 1994 में पौड़ी में उनके द्वारा राज्य निर्माण के लिए आमरण अनशन शुरू किया गया। 9 नवम्बर 2000 को राज्य गठन से पूर्व ही 18 अगस्त 1999 को वे हमेशा के लिए सो गये।
इस अवसर पर लताफत हुसैन, जय प्रकाश उपाध्याय, बहादुर सिंह रावत, देवेंद्र चमोली, रेखा मिंया, शकुंतला रावत,जब्बर सिंह पावेल, राजेन्द्र बिष्ट,अशोक नेगी,किरन रावत कश्यप, शिव प्रसाद सेमवाल, सीमा रावत, अनिल डोभाल, ब्रजमोहन सजवाण, राकेश बिष्ट,सतीश नौटियाल,अंकेश भण्डारी,शैलेश खत्री, कमल कांत,अरबिंद बिष्ट,विनीत सकलानी, विजेंदर रावत आदि मौजूद थे।