अपर मुख्य सचिव ने जल संरक्षण अभियान: कैच द रेन – 2025 की समीक्षा बैठक ली।

देहरादून 20 मार्च। अपर मुख्य सचिव आनंद वर्धन की अध्यक्षता में सचिवालय में *जल संरक्षण अभियान: कैच द रेन – 2025* की समीक्षा बैठक आयोजित की गई।

अपर मुख्य सचिव ने समस्त जनपदों से वित्त वर्ष 2024 – 25 के जल संरक्षण कार्यों की फीडबैक लेते हुए आगामी- 2025- 26 के कैंपेन की कार्ययोजना बनाने के निर्देश दिए।

निर्देशित किया कि 10 दिवस की अवधि के भीतर जनपदीय *सारा(स्प्रिंग हैंड एंड रिवर रिजुवनेशन एजेंसी)* कमेटियों की बैठक कर लें तथा आगामी बैठक में प्रस्तावों और सुझावों सहित कार्ययोजना को प्रस्तुत करें।
उन्होंने जल स्रोतों व जल निकायों के पुनर्जीवन और जल संचय के कार्यों के बेहतर इंप्लीमेंटेशन के लिए केंद्रीय जल संरक्षण बोर्ड, NIH और आईआईटी रुड़की जैसे संस्थानों से भी तकनीकी मार्गदर्शन लेने को कहा।
अभियान में जन भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए विभागों, शैक्षणिक एवं तकनीकी संस्थानों, जनप्रतिनिधियों, संबंधित पक्षों और आम जनमानस को क्षमता विकास और कार्यशाला से जोड़ने को कहा ताकि अभियान का बेहतर तरीके से धरातल पर इंप्लीमेंटेशन हो सके।

अपर मुख्य सचिव ने निर्देशित किया कि पूर्व में बनाए गए जल निकायों व अमृत सरोवरों का भी एक बार पुनः सर्वे करें तथा उसमें किसी भी तरह का यदि पुनः सुधार करना अपेक्षित हो तो उसका भी प्रस्ताव बनाना सुनिश्चित करें। जनपद स्तर के सारा सेंटर को पुनः एक्टिव करने के भी निर्देश दिए।

उन्होंने सभी जनपदों को जल संरक्षण और कैच द रेन से संबंधित बड़े प्रोजेक्ट के भी प्रस्ताव प्रस्तुत करने के निर्देश दिए।

इस दौरान अपर मुख्य कार्यकारी अधिकारी राज्य स्तर कमेटी नीना ग्रेवाल ने जल संरक्षण अभियान – 2025- 26 की कार्ययोजना प्रस्तुत की। जिसमें उन्होंने बताया कि इस वर्ष जल संरक्षण अभियान में *धारा मेरा, नौला मेरा, गांव मेरा, प्रयास मेरा* थीम के साथ जन भागीदारी सुनिश्चित की जायेगी। कहा कि सुख रहे जल स्रोतों एवं सहायक नदियों, धाराओं का चिन्हीकरण करने के लिए *भगीरथ एप* के माध्यम से आंकड़ों का संग्रहण किया जाएगा। Q – R कोड से प्रत्येक नागरिक भागीरथ अप के माध्यम से अपने गांव के जल स्रोतों की सूचना भेज सकेगा। जल्द ही इस ऐप को लॉन्च किया जाएगा तथा विभिन्न माध्यमों में इसका व्यापक प्रचार- प्रसार किया जाएगा। पहले चरण में सारा द्वारा प्राथमिकता के आधार पर 2000 जल स्रोतों के जल संरक्षण क्षेत्र की पहचान कर उपचार हेतु शत- प्रतिशत धनराशि कार्यदाई विभागों को उपलब्ध कराई जाएगी। सारा द्वारा कन्वर्जन के माध्यम से 50% धनराशि सहायक नदियों एवं धाराओं के तकनीकी एवं वैज्ञानिक आधार पर उपचार गतिविधियों के लिए उपलब्ध कराई जाएगी। इसके अलावा इस वर्ष पंचायती राज विभाग के सहयोग से 200 ग्राम पंचायतों में जलसंसाधन प्रबंधन पर क्षमता विकास कार्यशाला का आयोजन किया जाएगा। मैदानी क्षेत्रों में भूजल स्तर में सुधार हेतु कार्यदाई विभागों द्वारा उपचार कार्यों का चिन्हीकरण कर उपचार गतिविधियों का क्रियान्वयन किया जाएगा।

इस अवसर पर बैठक में केंद्रीय भूजल बोर्ड के क्षेत्रीय निदेशक प्रशांत राय, उपनिदेशक सारा स्टेट सेंटर N S बर्फाल, उपनिदेशक यूसीआरआरएफपी(उत्तराखंड क्लाइमेट रेस्पॉन्सिव रेनफेड फार्मिंग प्रोजेक्ट) के उपनिदेशक एस के उपाध्याय, प्रोजेक्ट संयोजक सुधा तोमर सहित सारा की राज्य स्तर टीम उपस्थित थी।

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